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karma in love relationships : आपका प्रेमी आपको क्यों नहीं समझता.....क्या ये कर्म फल है

karma in love relationshipsआपका प्रेमी आपको क्यों नहीं समझता.....क्या ये कर्म फल है. ये जो समस्या है यह 80 परसेंट लोगों की समस्या है और आपको इस आर्टिकल में इसका जवाब भी मिलेगा और आपके जो रिश्ते हैं वह भी सुधरेंगे बस आप इस आर्टिकल को एक बार पूरा पढ़िएगा कि वास्तव में होता क्या है. तो हमारा जो प्रेमी होता है जिसको हम चाहते हैं, तो वह हमको नहीं समझता या फिर हमको कहीं लो फील करवाता है या फिर हमको हमेशा उसकी वजह से डिप्रेशन होता है मतलब परेशान होते हैं, हम बहुत तनाव में आ जाते हैं तो इसके पीछे का क्या reason होता है. तो इसको थोड़ा सा हम समझते हैं, तो क्या यह कर्म का फल है? बिल्कुल समझने की कोशिश करते हैं. 


karma in love relationships : आपका प्रेमी आपको क्यों नहीं समझता.....क्या ये कर्म फल है

karma in love relationships

देखिए आपको मे एक छोटी सी चीज समझाता हूं. मान लीजिए देखिए हमारे लिए व्यक्ति अलग-अलग है हमारे लिए यह दोस्त है, ये वाइफ है, ये बहन है, यह भाई है इस यूनिवर्स(ब्रह्मांड) के लिए हर एक व्यक्ति क्या है एक आत्मा है. इसको आप समझे थोड़ा सा यह वास्तव में कर्मफल ही है और कैसे मिल रहा है उसको समझना. मान लीजिए कि एक आपकी मदर (माँ) है और एक आप खुद हो. और आपकी मदर आपसे प्रेम करती है निस्वार्थ, कोई स्वार्थ नहीं है उसको आपसे. वह आपको रोकती है, टोकती है, बेटा यह काम मत कर अच्छा काम नहीं है, तू क्यों मेरे को परेशान करता रहता है. क्योंकि जैसे एक समय बच्चा बड़ा हो जाता है तो माँ रोकती है उसको बेटा यह काम मत कर तो उस समय बेटे बेटा क्या कहता है, अरे या मम्मी तू बार-बार मेरे को रोका टोका मत कर तेरा क्या मतलब, हां मैं कर लूंगा जा, मैं कर लूंगा तेरा क्या मतलब है, बार-बार मुझे हर चीज के लिए रोकती है टोकती है, मेरे को ये कहती रहती है वो कहती रहती है. और ये शब्द माँ से कहके हम बाहर चले गए. क्या आपकी मदर यह आपसे प्रेम करती थी. बिल्कुल करती थी, करती है और करती रहेगी और वह भी निस्वार्थ भाव से है ना. आपके जो शब्द थे अभी वाले अरे यार तू फालतू मेरा दिमाग खराब मत करा कर, हर जब देखो बीच में कुछ भी, कभी यह कभी वह, कभी वो कभी ये. यह माँ से कहके हम बाहर निकल गए तो क्या हमारे जो शब्द थे उन शब्दों से माँ को कोई पीड़ा हुई होगी तकलीफ हुई होगी, अंदर क्या लगता है आपको नहीं हुई होगी तकलीफ माँ को. बिल्कुल हुई होगी तो एक माँ आपसे प्रेम करती थी तो जिस तरीके से आपने अपनी माँ को आपके शब्दों से पीड़ा पहुंचाई वही सेम पीड़ा प्लस इंटरेस्ट अब आपको कैसे मिलेगा उसको समझने की कोशिश करते है.

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आपके जीवन में कोई एक लड़की आएगी आपको ऐसा लगेगा वाव मेरी लाइफ में मतलब कोई आया, 'आप आए जिंदगी में बात बन गई' अब आप उस लड़की से प्रेम करते हैं आपको उससे प्रेम हो गया वैसा ही प्रेम जैसा मदर को आपसे था वैसा आपको उस लड़की से हो गया अब आपका प्रेम बढ़ेगा धीरे-धीरे एक महीना दो महीने तीन महीने. बाद में क्या होता है, बहुत सारे यह कहते हैं कि यार मैंने इस लड़की के साथ इतना बढ़िया किया, मैंने इसको सब कुछ दिया जो जो इसने मांगा सब कुछ मैंने लाके दिया, मैंने इसकी इतनी केयर करी सब कुछ किया लेकिन एक समय आएगा महीने छ महीने साल भर बाद, कि सेम सिचुएशन जो पहले क्रिएट हुई थी माँ और आप में, जो चीजें शब्द आपने पहले माँ से कही थी. जब आप उस लड़की को कभी किसी चीज के लिए उसको रोकते हो, मतलब जब आप उस लड़की को कहते हो की तू उससे मत बात कर, तू उस लड़के से मत बात कर वो लड़का अच्छा नहीं है. तो सेम जो शब्द, चीजें आपने पहले माँ से कही थी, क्योंकि यह तो आप भूल चुके और आप इतना एनालिसिस तो करते नहीं है तो वही बात आपको आएगी कि तू तेरे काम से काम कर मैं किससे बात कर रही हूं, मैं क्या कर रही हूं इसमें तुझे टांग लड़ाने की जरूरत नहीं है. फिर आप उस लड़की से बोले मैं तुझसे प्यार करता हूं, फिर वो लड़की बोली ठीक है करता है बट मेरी पर्सनल लाइफ भी तो होती है. अब वही शब्द जो है वह आपको हर्ट करेंगे और आप अब यह कहेंगे कि दुनिया खराब है. दुनिया खराब नहीं है कर्म का फल है.

अब बहुत सारे लोग बोलेंगे मैंने तो कभी किसी को ऐसा कुछ कहा नहीं, मैंने तो मेरी मम्मी को ऐसा नहीं कहा. मैंने एक example दिया है उदाहरण हो सकता है हमारे पिताजी से इस प्रकार की बात हुई होगी हो सकता है, घर में दादाजी हैं दादाजी को कभी, या हो सकता है थोड़ा कभी इसको थोड़ा उसको, वो सब मिलकर एक तरफ से आएगा क्योंकि अगर आपने हो सकता है इस बार नहीं तो इसके पहले आपने कभी किसी को कहा होगा तो यह बात इसलिए आपको बता रहा हूं कि आपके सामने जो भी व्यक्ति है, आप समझिए कि कुछ ऐसे व्यक्ति आपके जीवन में है जो आपको प्रेम करते हैं लेकिन आप उन उनके प्रेम को समझते नहीं है और आप कुछ भी उठा के उनको बोल देते हैं फिर आपसे ऐसे ही कोई व्यक्ति मिलेगा और वो व्यक्ति आपको वही शब्द बोलेगा लेकिन उस समय आपका दिल टूट जाएगा. आप कहेंगे कितने बेकार लोग हैं बेकार लोग नहीं है बेकार जो होता है वो केवल और केवल क्या होता है कर्म होता है. तो इससे यह आपको बताना चाह रहा हूं कि आप अभी इस चीज को समझे कि अगर आपको कहीं से दुख मिला है, दर्द मिला है, तकलीफ हुई है तो वह आपने किसी को दी हुई है वही आपके पास लौट के आ रही है. तो आगे से ध्यान रखें कि जब आपके कोई प्रेम करने वाले है आपके मम्मी, आपके पापा, आपके दादा, आपकी दादी, आपके जो भी है घर में तो वह जब आपको किसी बात को जब कुछ भी बोले तो उस समय बोलने से पहले आप सोचे कि जो मैं बोल रहा हूं यह बाद में मैं सेहन कर लूंगा मेरे पास आएगा तो. और अगर आपका मन कहे कि हां मैं सेहन कर लूंगा जैसे आपने आपके पिताजी से कुछ ऐसे ऊंची आवाज में बात करी, उनको हर्ट हुआ तो जितना हर्ट उनको हुआ वो आपके पास में जब वो ऊंची आवाज में बात आएगी, आपके पिताजी नहीं करेंगे कोई दूसरा व्यक्ति आपके जीवन में पहुंचा दिया जाएगा यूनिवर्स के द्वारा ये लीजिए. जैसे कई बार हम बोलते हैं ना कि मेरी लाइफ में एक व्यक्ति आया था उससे मुझे प्रेम हुआ और उसके बाद में साल भर तक मैं बहुत परेशान रहा और फिर वह व्यक्ति चला गया. तो वो व्यक्ति उतने समय के लिए आया था क्योंकि आपने किसी व्यक्ति को उतने समय के लिए परेशान किया होगा. तो जो खराब है वह है केवल कर्म.

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ये बहुत important बात आपको बता रहा हूं तो इसलिए आगे से ध्यान रखें जो हुआ वह तो मुझे भी नहीं पता है ना आपको पता है और हो सकता है बहुत सारे लोगों को पता भी होगा कि मैंने किस तरीके से बिहेव किया है मेरे घर वालों के साथ. तो उनको पता भी होगा तो आगे से सुधारे क्योंकि कई सारे लोग ऐसे हैं जो आज भी वो चीज कर रहे हैं, जैसे घर में घर वालों के ऊपर चिल्ला रहे हैं या किसी के ऊपर चिल्ला रहे हैं और बाहर से उनको सेम चीज रिटर्न मिल रही है पर उनको पता भी नहीं है ये बात. क्योंकि उनको तो ये लग रहा है कि मैंने तो इस लड़की से इतना प्यार किया था फिर उसने मेरे साथ ऐसा धोखा क्यों किया? क्योंकि पहले भी मैंने आपको बताया था की आपको भी आपकी माँ आपसे प्यार करती थी. कंपेयर यहां पर आप उस लड़की से कभी मत करिए, आप यह देखिए कि जो चीज आप किसी को भी दे रहे हैं इस संसार में वो चीज आपके पास कहीं से भी लौट के आ जाएगी. और यह जो आपका प्यार बड़ा ना उस लड़की से यह उस कर्म जो आपका कर्म था वो कर्म उस लड़की को आपके जीवन में इस तरीके से लेकर आया. क्यों? क्योंकि पहले जो आपने बातचीत करी थी (आपने अपनी माँ से ) जो माँ का मन दुखाया था.

तो अब आपका मान लो आपकी मम्मी से तो आपका मन दुखेगा नहीं, जैसे आपकी मम्मी ने आपको कुछ कहा, देखो समझना आपकी माँ आपसे प्रेम करती है ठीक है उसने आपको कुछ कहा तो आपको इतना दर्द नहीं हुआ मान लो, हां ठीक है ये तो बोलती रहती है लेकिन आपकी माँ को दर्द हुआ समझ रहे हो. तो वही दर्द अब आपको माँ से तो मिल नहीं रहा है तो फिर आपके जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति (लड़की) लायी जाएगी वैसे ही मोह में आप उसके फस जाएंगे. मोह में आप फसेंगे और आपको फिर वह दर्द सेम टू सेम उस लड़की से आपको मिलेगा. कर्मफल ऐसा है. आप कह दो कि मुझे नहीं चाहिए तो भी आपके खाते में आ जाएगा चाहे फिर वह अच्छा हो या बुरा हो. जैसे कि आपने किसी व्यक्ति के साथ अच्छा किया तो आप कहते हैं कि मुझे नहीं चाहिए मिलेगा भैया कर्म फल है मिलेगा. फिर आपके जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति आएगा जो आपी को खुश करेगा जो आपको हैप्पी-हैप्पी रखेगा तो यह जो चीजें होती है यह सब केवल और केवल क्या होता है कर्म फल होता है तो इसलिए इस चीज को एक्सेप्ट करें कि अगर कोई व्यक्ति मेरे जीवन में आया और मुझे परेशान कर रहा है कि मतलब यह मेरा कोई कर्म है.

'आप किसी से मिलते नहीं मिलाए जाते हैं'. क्यों मिलाए जाते हैं? वो इसलिए मिलाए जाते हैं क्योंकि जैसा कि मैंने आपको बताया कि आपने आपके पिताजी से ऊंची आवाज में बात करी और आपके पिताजी को बहुत हर्ट हुआ दिल दुख गया उनका तो यही दिल अब आपका भी दुखवाना है कर्म को. तो आपके पिताजी की बातों से तो दुख नहीं रहा है आपको तो फिर आपके जीवन में ऐसे व्यक्ति (लड़की) को भेजा जाएगा कि जो आपको उस लड़की से मोह हो जाएगा और जो आपने आपके पिताजी का आपने अपनी बातों से जो मन दुखाया था. एक समय ऐसा आएगा, वह समय आता है और वही समय पर वही लड़की उसकी बातों से केवल ऐसी बात कहेगी कि, वही मन आपका भी दुखेगा. तो इसीलिए आपको किसी व्यक्ति से जीवन में मिलाया जाता है उतने समय के लिए. और वो उसका कर्म पूरा करके और फिर जैसे होता है ना कि ब्रेकअप हो गया, साहब हमारा तो ब्रेकअप हो गया तो वो उतने समय के लिए आएगा और जब आपने आपके वचनों से आपके पिताजी को खुश किया, आप ऐसे शब्द बोलते हैं कि आपके पिताजी का मन प्रसन्न होता है तो कोई लड़की आपके जीवन में आएगी और वह लड़की आपको हमेशा क्या करेगी, हमेशा उसकी बातों से आपको खुश रखेगी, आप हैप्पी-हैप्पी रहेंगे. तभी हम कहते हैं कि हमारा दोस्त का रिलेशनशिप तो इतना बढ़िया है मेरा खराब क्यों है. तो हमेशा ध्यान रखिए जो चीज आप किसी को दे रहे हैं आपके प्रेम करने वाले को, आपके पिताजी आपको बहुत प्रेम करते थे आपने उनको अपने वचनों से परेशान किया तो कोई व्यक्ति आपके जीवन में आएगा जो आपको इस तरीके से परेशान करेगा. 'तो यह होता है कर्मफल'. ऐसा नहीं कि आपको उसी व्यक्ति से मिलेगा आपको दूसरे से मिल जाएगा.

karma in love relationships आशा करता हूँ आप समझे होंगे में क्या कह रहा हूँ. आप यह चीज तो सीख गए होंगे कि आगे हमको लाइफ में जो हमसे प्यार करता है, प्यार का मतलब एक ही नहीं होता है एक ही मत समझना, प्यार मतलब आपके मम्मी, पापा, आपके भाई, बहन जो आपको प्यार करते हैं उनको कभी हर्ट नहीं करना है ठीक है.

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