50 Finance - Investing Tips in Hindi for Beginners : आज हम इस आर्टिकल में बताने वाले है ऐसी 50 टिप्स के बारे में जो आपको अपने इन्वेस्टमेंट से रिलेटेड डिसीजन लेने में मदद करेंगे. ये सारे टिप्स कई किताबों के रेफरेंस से बहुत सारी वीडियो देखने के बाद लिए गए हैं. अगर आप अपनी जर्नी की शुरुआत में, अपनी फाइनेंशियल जर्नी की शुरुआत में, आप यह समझना चाहते हैं की कहां पर इन्वेस्टमेंट की जाए, आप अपनी फाइनेंशियल नॉलेज को बढ़ाना चाहते हैं, अगर आप बिगनर हैं या एक्स्पर्ट भी हैं तो ये आर्टिकल आपको बहुत ज्यादा काम में आने वाला है क्योंकि बहुत ज्यादा एस्पेक्ट्स को इकट्ठा करके इस आर्टिकल में बताया गया है. आपको इससे इतनी ज्यादा नॉलेज, इतनी ज्यादा अंडरस्टैंडिंग मिलेगी की आप अपने आप को बिगनर तो कभी नहीं बोलेंगे और आप भी ऐसे लेवल पर पहुंच जाएंगे जहां पर आप ये डिसाइड जरूर कर सकते हैं की कहां पर मेरे को इन्वेस्टमेंट करना चाहिए, कैसे इन्वेस्टमेंट करना चाहिए और कौन-कौन से एरियाज ऐसे हो सकते हैं जहां पर रिस्क कम होगा, कहां पर रिस्क ज्यादा है लेकिन प्रॉफिट भी ज्यादा है. कहां पर कम रिस्क है लेकिन प्रॉफिट भी कम है वो सारे एरियाज को आप आईडेंटिफाई कर सकते हैं और अपनी फाइनेंशियल जर्नी, इन्वेस्टमेंट जर्नी की शुरुआत कर सकते हैं तो इस आर्टिकल को बहुत ही ध्यान से पढ़े और एंजॉय करें और अपनी फाइनेंशियल अंडरस्टैंडिंग को कंसिस्टेंटली बढ़ाते रहे ऑल दि बेस्ट.
50 Finance - Investing Tips in Hindi for Beginners
1) यदि आप निवेश में नए हैं तो अपने देश में निवेश से शुरुआत करें (If you are New to Investing then start with Investing in your Country)
अगर आप इन्वेस्टिंग में नए हैं तो अपनी कंट्री में इन्वेस्ट करने से शुरू करें. ज्यादातर लोग अलग अलग कंपनीज को शॉर्टलिस्ट करना नहीं चाहते क्योंकि उनके पास रिसर्च करने का काफी टाइम नहीं होता और वो ये नहीं जानते की कौन सी कंपनी को पिक करना है और कौन सी को नहीं. वो नहीं जानते की जिस कंपनी में वो इन्वेस्ट कर रहे हैं वो विप्रो जैसा परफॉर्म करके उनके पैसे को मल्टीप्लाई करेगी. या रिलायंस पावर जैसा परफॉर्म करके उनके सारे पैसे डूबा देगी. तो इस तरह के लोगों के लिए दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर वॉरेन बफेट कहते हैं की ऐसे लोगों को अपनी इन्वेस्टमेंट की शुरुआत अपनी कंट्री में इन्वेस्ट करने से करनी चाहिए. अब सवाल आता है की हम अपनी कंट्री में इन्वेस्ट कैसे कर सकते हैं आईये इस बारे में बताते हैं. हमारे देश में दो सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं, एक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज जिनके इन्डेक्सेस को सेंसेक्स और निफ़्टी फिफ्टी कहा जाता है, सेंसेक्स के अंदर मार्केट वैल्यू के हिसाब से टॉप 30 कंपनीज होती हैं और निफ़्टी 50 के अंदर मार्केट वैल्यू के हिसाब से टॉप 50 कंपनीज होती हैं, इसका मतलब सेंसेक्स और निफ़्टी के अंदर इंडिया की टॉप कंपनीज की लिस्ट होती है. अब आप पूछ सकते हैं की मुझे उनमें इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए इसका जवाब है की लॉन्ग टर्म में देश के इकोनॉमी को तो ग्रो करना ही होगा और अगर हम इंडिया में रह रहे हैं जो एक हाई ग्रोथ नेशन है तब तो इकोनॉमी को पक्का ग्रो करना होगा, अगर आप अपनी देश की टॉप कंपनीज में लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट कर रहे हैं तो वॉरेन बफेट के अकॉर्डिंग आप अपनी कंट्री के इकोनॉमी में इन्वेस्ट कर रहे हैं. अब आप कहेंगे की मार्केट में अप डाउन्स भी तो होते हैं और अगर ऐसा है तो आप अपना सारा पैसा खो सकते हैं इसका जवाब है हाँ. मार्केट में अप डाउन्स हैं लेकिन लॉन्ग टर्म में सेंसेक्स और निफ़्टी को तो ग्रो करना ही है. अगर आप सेंसेक्स और निफ़्टी में लॉन्ग टर्म के इन्वेस्ट करते हैं तो आपको लगभग 15% का yearly रिटर्न मिलेगा जो एक अच्छा रिटर्न है. आपको घंटे बैठकर मार्केट के बारे में रिसर्च नहीं करना है और ना ही आपको कंपनी को शॉर्टलिस्ट करना है आपको एक स्पेसिफिक अमाउंट जो की आपके ऊपर डिपेंड करता है, 2,000 या 5,000 हर महीने सेंसेक्स या निफ़्टी में इन्वेस्ट करना है, और सबसे जरूरी पॉइंट यह है की आप जो अमाउंट इन्वेस्ट कर रहे हैं उसे हर साल 10% से बढ़ाना है. इसका मतलब अगर आप 2024 के हर महीने में ₹2,000 इन्वेस्ट कर हैं तो आपको 2025 में ₹2,200 इन्वेस्ट करने होंगे.2) क्रेडिट कार्ड्स का यूज़ ना करे (Do not use Credit Cards)
आपने बहुत सारे लोगों को कहते हुए सुना होगा की क्रेडिट कार्ड्स को यूज़ करना चाहिए, तो फिर हम आपको यह क्यों कह रहे हैं की क्रेडिट कार्ड्स यूज़ ना करें चलिए बताते हैं. सबसे पहले क्रेडिट कार्ड्स आपको ये झूठा विश्वास दिलाते हैं की आपके पास पैसे हैं जबकि असलियत में आपके पास पैसे नहीं होते. हम क्रेडिट कार्ड्स की लिमिट को अपने पैसे समझ लेते हैं और उसे पूरा खर्च कर देते हैं और फिर बिल आने के टाइम सोचते हैं की हमने इतने सारे पैसे खर्च कर दिए हैं. आपको पता होगा की अगर आप सिर्फ मिनिमम अमाउंट ड्यू को ही पे करते हैं तो अगले महीने क्रेडिट कार्ड कंपनी आपके ऊपर 35 से 40% का रेट ऑफ इंटरेस्ट लगाती है जो की काफी ज्यादा है. अगर आप फिजिकली पैसों को खर्च करते हैं तो आपको एहसास होता है की आपके पर्स में से पैसे निकल गए हैं. लेकिन क्रेडिट कार्ड्स को यूज़ करते टाइम ऐसा नहीं होता. क्रेडिट कार्ड्स की वजह से आप और भी ज्यादा खर्चे करने लगते हैं.3) अपने क्रेडिट स्कोर को मेंटेन रखना (Maintain your Credit Score)
क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच आता है और 700 से ऊपर के क्रेडिट स्कोर को अच्छा माना जाता है. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको काफी सारी तरीको से हेल्प करता है. जैसे आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलना और भी बहुत कुछ. तो एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए आपको एक ही चीज करनी होगी जो की ये अपने सारे लोन की मंथली पेमेंट टाइम पर देना. example के लिए, अगर आपने कोई होम लोन या एजुकेशन लोन लिया है तो उसकी मंथली पेमेंट दी गई डेट पर ही कीजिए, उसे डिले ना करें क्योंकि आप सोच सकते हैं की ये आपको कैसे नुकसान पहुंचा सकता है. लेकिन आप ही जानते तक नहीं है की यह आपकी क्रेडिट स्कोर को कितना ज्यादा नुकसान कर रहा है, एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको वहां पर लोन दिला सकता है जहां पर दूसरों को लोन नहीं मिल पाता है. इसके साथ-साथ क्रेडिट कार्ड्स की मिनिमम पेमेंट करने से भी आपका क्रेडिट स्कोर कम होता है इसलिए हर महीने पुरी पेमेंट ही करें वह भी टाइम से पहले.4) बॉन्ड्स में इन्वेस्ट करें (Invest in Bonds)
बॉन्ड्स सिम्पली एक लोन की तरह है जो एक कंपनी पब्लिक से लेती है. अगर एक कंपनी बैंक से पैसे उधार लेती है तो उसे 12% से 13% इंटरेस्ट देना पड़ता है. लेकिन कंपनी बैंक को इतना ज्यादा इंटरेस्ट नहीं देना चाहती इसलिए कंपनी पब्लिक की हेल्प लेती है. अगर आप फिक्स डिपॉजिट में पैसे डालेंगे तो आपको लगभग 5 से 6 परसेंट का इंटरेस्ट मिलेगा, लेकिन अगर आप हमारी बॉन्ड्स को खरीदेंगे तो हम आपको 8 से 9 परसेंट तक का इंटरेस्ट देंगे और बेसिकली ये आपके लिए और कंपनी के लिए भी एक win-win Situation है. क्योंकि अगर कंपनी बैंक से पैसे लेती है तो उसे 12 से 13 परसेंट तक का रेट ऑफ इंटरेस्ट देना होता है और अगर आप पैसों को बैंक में फिक्स डिपॉजिट की तरह रखते हैं तो आपको 5 से 6 परसेंट के आसपास का रेट ऑफ इंटरेस्ट ही मिलेगा. तो अब आप और कंपनी ये डिसाइड करते हैं की बैंक को बीच में से हटा दिया जाए जिससे आप दोनों दूसरे 3% तक का फायदा उठा सकते हैं, यही बेसिकली बॉन्ड्स के पीछे का कॉन्सेप्ट है. चलिए बॉन्ड्स पर यूज़ होने वाले कुछ बेसिक टर्म्स को देखते हैं.* कूपन रेट:- इसका मतलब है की वो रेट ऑफ इंटरेस्ट जो कंपनी आपसे पैसे लेने के बाद आपको देती है.
* Tenure:- क्युंकि बांड्स में कंपनी आपसे पैसे उधार ले रही है, तो उसे एक टाइम पीरियड पर बताना होगा की वो कितने सालों बाद आपको आपके पैसे लौटाएगी. जैसे की होम लोन, किसी भी और लोन में होता है की आप कितने साल बाद बैंक के पैसे लौटा देंगे. आप कॉर्पोरेट बॉन्ड्स और गवर्नमेंट बॉन्ड्स दोनों को खरीद सकते हैं पर खरीदने से पहले प्रॉपर रिसर्च जरूर करें.
5) इन्फ्लेशन को समझना (Understand Inflation)
इन्फ्लेशन आपके पैसों को जंग लगता है. इन्फ्लेशन वो रेट है जिस चीज पर चीजों के दाम बढ़ते हैं. जब हम अपने पैसे और फाइनेंस के बारे में बात करते हैं तब हम इन्फ्लेशन को भूल जाते हैं, तो चलिए जानते हैं की ये इन्फ्लेशन क्या है? आप सब जानते हैं की जिन रिसोर्सेस को हम यूज़ कर रहे हैं वो लिमिटेड हैं, आप किसी भी रिसोर्स को लीजिए जैसे इलेक्ट्रिसिटी, फॉसिल फ्यूल यह सब लिमिटेड है लेकिन हम इंसानों के डिमांड कांस्टेंटली बढ़ रही हैं और उसके साथ-साथ पॉपुलेशन बढ़ने की वजह से डिमांड और भी ज्यादा बढ़ रही है और अगर डिमांड बढ़ती है लेकिन सप्लाई नहीं बढ़ती तो नेचरली चीजों के दाम बढ़ जाते हैं, आपने इसे लॉक डाउन में भी देखा होगा की सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ रही थी लेकिन सप्लाई नहीं इसकी वजह से सैनिटाइजर की कीमत बहुत बढ़ रही थी. तो किसी भी चीज में इन्वेस्ट करने से पहले अपने आप से पूछिए क्या ये इन्वेस्टमेंट इन्फ्लेशन को बीट कर सकती है और एक सूटेबल रिटर्न दे सकती है. यही मेन रीजन है की लॉन्ग टर्म में फिक्स डिपॉजिट में इन्वेस्ट करना एक सही डिसीजन नहीं है इसे हम अगले पॉइंट में डिटेल में बताएँगे. अगर आप टीवी पर ऐड देख रहे हैं की यह म्युचुअल फंड आपको 10% का रिटर्न देगा लेकिन सच में वो आपको 10% का रिटर्न नहीं देगा क्योंकि उसके अंदर इन्फ्लेशन इंक्लूड नहीं होती है. अगर इन्फ्लेशन 6% का है तो इस केस में आपकी पैसो पर आपको 4% का रिटर्न मिलेगा. अगर आप अभी इस म्युचुअल फंड में 1,000 रुपए इन्वेस्ट करते हैं तो वो अगले साल 1100 हो जाएंगे लेकिन अगले साल जो चीज आप अभी ₹1,000 की ले रहे हैं वो ₹1,060 की हो जाएगी यही इन्फ्लेशन का कॉन्सेप्ट है.6) लॉन्ग टर्म के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट ना करें बल्कि अपने पैसे कहीं और रखें
आप लंबी टाइम के लिए FDs में इन्वेस्ट ना करें, देखिए अगर आप अपने पैसे फिक्स डिपॉजिट में रखते हैं तो आपको 5% से 6% तक का रेट ऑफ इंटरेस्ट मिलेगा. लेकिन इंडिया एक ग्रोइंग इकोनॉमी है तो इन्फ्लेशन होना ही है जिसका मतलब चीजों के दाम बढ़ेंगे और एवरेज़ली इंडिया का इन्फ्लेशन रेट 6% का है तो अगर फिक्स्ड डिपॉजिट में आपके पैसे 5% से ग्रो हो रहे हैं और चीजों के दाम भी 6% से बढ़ रहे हैं तो आपके पैसे 1% से घट रहे हैं, इसका मतलब FD में आपके पैसे बढ़ नहीं रहे हैं बल्कि घट रहे हैं. देखिए अगर आज आप 20 सालों के लिए 5% के सालाना रेट ऑफ इंटरेस्ट पर एक लाख की FD करते हैं, तो 20 सालों के बाद आपकी 1 लाख की इन्वेस्टमेंट ₹2,70,000 हो जाएगी. लेकिन पॉइंट यह है की इंडिया ग्रोइंग इकोनॉमी है तो इन्फ्लेशन 6% के अराउंड होगा ही, तो 20 सालों के बाद जो चीज आप आज ₹1 लाख से खरीद पा रहे थे उसी के लिए आपको 3,30,000 देने होंगे. यही FDs का सबसे बड़ा नुकसान है.7) एक ही इनकम स्ट्रीम पर डिपेंड ना करे (Do not depend on one income stream)
यह सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट में सेक है, ज्यादातर लोग कहते हैं की भाई अब मेरे पास एक अच्छी जॉब है, लेकिन ज्यादातर लोगों ने अपनी well-paid जॉब्स को लॉक डाउन में खोया है. जो लोग पहले महीने का अच्छा कमा रहे थे उनकी अर्निंग जीरो हो गई. हम आपको एक एडवाइस देना चाहते हैं की OTT प्लेटफार्म और टीवी पर टाइम बर्बाद करने की बजाए वो टाइम अपने ऊपर इन्वेस्ट करें, अपनी जॉब करते रहिए लेकिन घर आने के बाद एक नई स्किल सीखे जिसे आप पैसों के लिए मोनेटाइज कर सके. आप उस टाइम में Coding, UI/UX designing, Video editing बहुत कुछ सिख सकते हैं और सबसे इंटरेस्टिंग बात यह है की आपको इन स्किल्स को सीखने के लिए एक भी पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है. आपको यूट्यूब पर, दूसरे कोर्सेज प्लेटफार्म पर बहुत सारे फ्री कोर्सेज मिल जाते हैं.8) पेचक टू पेचक लाइफ ना जिए (Don't live from Paycheck to Paycheck)
हम यह पहले भी देख चुके हैं की एक इनकम स्ट्रीम पर डिपेंड मत रहिए उसी बात से एक और पॉइंट आता है की लाइफ पेचक टू पेचक ना जिए. इसका मतलब है की आपके अकाउंट की सैलरी थोड़ी दिनों में खर्च हो गई फिर आप पैसों के लिए परेशान हो रहे हैं फिर दोबारा सैलरी आई और यह साइकिल चलती गई. अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आप एक बहुत ही हाई रिस्क गेम खेल रहे हैं क्योंकि अगर आपकी जॉब चली गई तो आपको एक बहुत बड़ी फाइनेंशियल सेटबैक का सामना करना पड़ेगा और इससे बचने के लिए कॉन्सेप्ट आता है इमरजेंसी फंड्स का जिसे हम अगले पॉइंट में बताएँगे.9) एक इमरजेंसी फंड बिल्ड करें (Build an emergency Fund)
एक इमरजेंसी फंड वो फंड है जिसे आप अपने यूजुअल एक्सपेंसेस से अलग रखते हैं जैसे भगवान ना करें अगर आपके ऊपर कोई इमरजेंसी आ जाती है तो आपके पास एक मीडियम है जहां पर एक्सेस कॅश पड़ा है. आप इमरजेंसी फंड कैसी ऐसी चीज के लिए बिल्ड करते हैं जिसे आप प्लान नहीं कर सकते लेकिन आपको पता है की वो आपके साथ हो सकती है और इसलिए आप उसके लिए पैसे अलग रखते हैं. उदाहरण के लिए अगर आपकी जॉब चली गई और आपको नई जॉब ढूंढने में 6 महीने लग गए, तो अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं होगा तो आप इन 6 महीनोंमें सरवाइव कैसे करेंगे, आपके खर्चे नहीं रुकने वाले इसलिए आप एक इमरजेंसी फंड बिल्ड करते हैं. आप इस ज्यादातर लोग जो इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं वह यंग हैं और आपने अभी अपना कैरियर शुरू किया है और हम आपको बता सकते हैं की इस उम्र में इमरजेंसी फंड बिल्ड करना बहुत मुश्किल है लेकिन आपको यह करना ही होगा क्योंकि भगवान ना करें अगर कोई भी अनहोनी हो जाती है तो आपके पास फाइनेंशियल प्रोटेक्शन है. आपको मिनिमम 6 महीने का इमरजेंसी फंड बिल्ड करना ही होगा, इसका मतलब है की आपकी इमरजेंसी फंड के अंदर 6 महीने के खर्चे होने चाहिए, अगर आपके महीने के खर्चे 30,000 रुपए हैं तो आपके पास ₹1,80,000 का इमरजेंसी फंड होना ही चाहिए इससे बिल्ड करने के लिए आपको अपने फिजूल खर्चे बंद करने होंगे और सबसे जरूरी चीज इमरजेंसी फंड बिल्ड करने की है की आप अपना इमरजेंसी फंड किसी और बैंक अकाउंट में रखेंगे क्योंकि अगर जिस अकाउंट में आपकी सैलरी आती है और उसी में आप इमरजेंसी फंड बिल्ड करने का ट्राई कर रहे हैं तो यह कभी नहीं होगा.10) अपनी फ्यूचर के बारे में सीखें (Learn about Future)
अगर आप इंटरनेट का यूज करते हैं तो चांसेस हैं की आपने इन दोनों शब्द को जरूर सुना होगा 'बिटकॉइन' एक क्रिप्टोकरंसी. देखिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और क्रिप्टोकरंसी फ्यूचर है, जैसे जैसे पुरी दुनिया ने इसे Legalized कर दिया है. तो इसके बारे में पढ़ना शुरू करें जिससे की आप बिना टेंशन के इस टेक्नोलॉजी में लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट कर सके. आप इस टेक्नोलॉजी को कैसे सिख सकते हैं, यूट्यूब पर काफी सारे कोर्सेज अवेलेबल हैं और आप एक्सपर्ट्स के थ्रू लिखे गए बुक्स को भी पढ़ सकते हैं. कुछ रिकमेंडेशन है जैसे The bacics of Bitcoins and Blockchains, Life after Google, Blockchain Revolution.12) गोल्ड में इन्वेस्ट करें (Invest in Gold)
गोल्ड एक ऐसा asset है जिसे इंडिया में बहुत अच्छा माना जाता है, आज भी शादियों में मां-बाप अपने बच्चों को गोल्ड देते हैं क्योंकि उन्हें इसकी वैल्यू पता है लेकिन अगर आप यंग हैं तो हम आपको गोल्ड की ज्वैलरी लेने के लिए नहीं बोलेंगे क्योंकि उसमें आपको जीएसटी और मेकिंग चार्जेस भी देने होते हैं और मेकिंग चार्जेस बहुत ज्यादा होते हैं. अगले पॉइंट में डिजिटल गोल्ड और गोल्ड की बेस्ट इन्वेस्टमेंट के बारे में बताएँगे.13) गोल्ड को बेस्ट इन्वेस्टमेंट में इन्वेस्ट करें (Invest in the Best Investment of Gold)
डिजिटल गोल्ड की फायदोंयोंसे जानते है.1) कोई सिक्योरिटी इशू नहीं है आप जैसे फिजिकल गोल्ड की टेंशन लेते हैं वह टेंशन आपको डिजिटल गोल्ड में लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप जितने भी अमाउंट का गोल्ड खरीदते हैं कंपनी उतना गोल्ड स्टोर कर लेगी.
अब इसके नुकसान के बारे में जानते हैं
1) नुकसान यह है की डिजिटल गोल्ड को बेचते टाइम आपको 3 से 6% का अमाउंट पे करना होगा इसका मतलब अगर आप ₹10,000 का गोल्ड बेच रहे हैं तो आपको 300 से 600 रुपये कंपनी को देने होंगे, ये तीन से छह परसेंट एक चार्ज है जिसे स्प्रेड कहते हैं. इस चार्जेस के अंदर इंश्योरेंस और सिक्योरिटी चार्जेस आते हैं जो कंपनी ने आपके लिए किए हैं.
2) No Indefinite होल्डिंग्स:- इसका मतलब है की आप अपना डिजिटल गोल्ड जिंदगी भर होल्ड करके नहीं रख सकते, एक टाइम के बाद कंपनी वाले आपको वो गोल्ड बेचने के लिए कहेंगे या उसकी फिजिकल डिलीवरी मंगवाने के लिए कहेंगे और एक बात जान लें की अगर आप उसे बेचते हैं तो आपको Capital Gain Tax और स्प्रेड देना होगा. अगर आप फिजिकल डिलीवरी मांगते हैं तो कुछ चार्जेस और कभी कभी मेकिंग चार्जेस भी देने होंगे. तो अगर आप इतनी disadvantages नहीं लेना चाहते हैं तो आपके लिए यहां पर एक और गोल्ड इन्वेस्टमेंट है जिसे हम गोल्ड की बेस्ट इन्वेस्टमेंट कह सकते हैं, SGB ( SOVEREIGN GOLD BOND) यानी की 'सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड' जिसमें आरबीआई इसे साल में काफी बार इशू करता है. इसकी स्पेसिफिक डेट होती है जिनमे आपको अप्लाई करना होता है इसकी सबसे अच्छी बात यह है की ये गोल्ड है ही नहीं, ये कागज का टुकड़ा है जिसे आप गोल्ड के प्राइस पर खरीदते हैं.
अब इसके फायदे को जानते हैं:- इसके ऊपर कोई चार्जेस नहीं देने होते, आप जो जीएसटी बाकी गोल्ड के प्रोडक्ट्स जैसे फिजिकल गोल्ड या डिजिटल गोल्ड पर देते हैं वह आपको यहां पर नहीं देना होगा. एक और बड़ा फायदा यह है इसके ऊपर कोई Capital Gain Tax नहीं लगता, यहां तक की आरबीआई आपको ये बॉन्ड होल्ड करने के लिए सालाना 2.5 परसेंट का रेट ऑफ इंटरेस्ट देता है. एक SGB प्राइस 1 ग्राम गोल्ड के प्राइस के बराबर होता है आप इसे गोल्ड के प्राइस पर खरीदते हैं और इसे गोल्ड के प्राइस पर ही बेचते हैं.
14) बजटिंग करना शुरू करें (Start Budgeting)
ज्यादातर लोग flow में चलते हैं, कैलकुलेशन सबसे ज्यादा जरूरी है और बजटिंग आपकी इनकम पर डिपेंड करती है, ज्यादातर लोग सोचते हैं की हम कौन सा कहीं पैसे बर्बाद कर रहे हैं तो मुझे बजट क्यों बनाना चाहिए, जवाब है की कुछ भी करें बस बजट से करें. अगर आपकी महीने की इनकम 10 लाख भी है तब भी आपको बजट बनाना चाहिए, अगर आप बजटिंग नहीं करते हैं तो फाइनेंसियल सक्सेस लाना बहुत ज्यादा मुश्किल है. हर एक सक्सेसफुल इंसान बजटिंग की इंपॉर्टेंस के बारे में बात करते हैं. 50-30-20 रूल को यूज़ करना शुरू कर दे, इस रूल में अपनी इनकम का 50% अपनी नीड्स पर खर्च करना है, 30 परसेंट अपनी wants पर और 20% अपनी सेविंग पर. आप 20% को 10% सेविंग और 10% इन्वेस्टिंग में भी डिवाइड कर सकते हैं. आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद एक काम करें, अपने घर के फाइनेंशियल बजट को देखें अगर आपकी इनकम एक लाख की है तो आपको 50,000 से ज्यादा अपनी नीड्स पर खर्च नहीं करने हैं और 30,000 से ज्यादा अपनी वांट्स पर नहीं खर्च करने हैं, अगर आपके फाइनेंशियल 50-30-20 रूल्स जैसे नहीं लग रहे हैं तो उन्हें उसके अकॉर्डिंग बनाएं. अगर आप अपनी इनकम का 80 हजार सिर्फ अपनी नीड पर खर्च कर रहे हैं तो उसे रिड्यूस करिए जब तक की वो 50,000 ना हो जाए.15) आप जितना अफ़्फोर्ड कर सकते हैं उससे ज्यादा कभी खर्च ना करें (Never Spend more than you can afford)
ज्यादातर लोग दूसरे लोगों को दिखावा करने के ट्रैप में फस जाते हैं, इसलिए वह जितना afford कर सकते हैं उससे ज्यादा खर्च कर देते हैं. अगर आप भी ट्रैप में फस गए हैं तो आपके लिए फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस पाना काफी मुश्किल हो सकता है क्योंकि हर टाइम आप दूसरे लोगों को दिखाने के लिए चीजे खरीदेंगे. अगर आप 10,000 का मोबाइल afford कर सकते हैं, तो प्लीज एक एक्सपेंसिव फोन EMI पर भी ना खरीदे. आपको लगेगा की आप तो EMI बड़ी आसानी से पे कर देंगे, लेकिन आप नहीं जानते है की लॉन्ग टर्म मैं आपके साथ कितना बुरा होगा.16) खर्च करने से पहले सोचे ( Always think before you Spend)
ज्यादातर लोग पैसे भी खर्च करते हैं वह पैसे खर्च करते टाइम कभी नहीं सोचते, अगर उनके दोस्त उनसे कहेंगे की चलो पार्टी करते हैं तो वो बिना सोचे हाँ कर देंगे, वो अपनी सिचुएशन या अपने घर के मैटर के बारे में नहीं सोचेंगे. अगर आपने किसी apps का सब्सक्रिप्शन लिया है लेकिन आप उसे यूज़ नहीं करते हैं तो अगले महीने रिन्यूअल के टाइम उसे रिन्यू ना करें बल्कि उसे cancelled कर दे. यह ना कहे की सिर्फ ₹200 तो हैं, बात ₹200 की नहीं है बात उस ₹200 को यूटिलाइज करने की है. आप उस ₹200 से कोई अच्छी बुक पढ़ सकते हैं और उसे पढ़कर सिख सकते हैं.17) डायवर्सिफिकेशन करें (Do Diversification)
डायवर्सिफिकेशन का मतलब है अलग-अलग फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करना. काफी सारे लोग एक ही चीज में इन्वेस्ट करते हैं जैसे स्टॉक, क्रिप्टो या गोल्ड लेकिन कैसा हो अगर जिस चीज में वो इन्वेस्ट कर रहे हैं वह लॉस में चली जाए तो वो अपनी कैपिटल खोने लगेंगे. डायवर्सिफिकेशन इसलिए की जाती है जिससे रिस्क कम हो सके और प्रॉफिट बढ़ सके. एक्सपर्ट्स हमें हमारी पोर्टफोलियो को डायवर्स करने के लिए कहते हैं की SGB में इन्वेस्ट करें, इंडेक्स फंड्स में इन्वेस्ट करें और जिन फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट में आपको नॉलेज है उनमें इन्वेस्ट करना शुरू करें, कभी भी अपने सारे eggs को एक बास्केट में ना रखें.18) अगर आप यंग हैं तो घर ना खरीदे (If you are young then don't buy a Home)
आप में से ज्यादातर लोगों ने अभी कमाना शुरू किया है और आपकी मंथली अर्निंग 20,000 या ₹40,000 है तो घर लेना एक बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन नहीं है. घर लेना काफी अच्छा माना जाता है जो की अपनी जगह बिल्कुल ठीक है लेकिन अगर आपकी मंथली अर्निंग कम है तो घर लेना सही नहीं है, आपको उसकी EMI पे करनी होगी, मेंटेनेंस कॉस्ट देनी होगी, टैक्सेस पे करने होंगे और भी बहुत कुछ. अगली पॉइंट में जानते हैं की आपको घर किस कंडीशन में खरीदना चाहिए.19) घर खरीदे लेकिन बस इस कंडीशन पर (Buy Home but only on this condition)
ज्यादातर लोग जब 28 या 30 के होते हैं तब उनके दिमाग में घर लेने की बात आती है की शादी करनी है और सेटल होना है, तब घर लेना एक तरीके की जरूरत बन जाती है लेकिन घर खरीदने का एक बेस्ट तरीका है की आपके पास 40 से 50% कैश हो, मतलब अगर आप 50 लाख का घर खरीद रहे हैं तो आपके पास 25 लाख होने ही चाहिए. दूसरी बात, की ज्यादा बड़ा घर ना खरीदे घर अपनी नीड और अपने बजट के अकॉर्डिंग ले. अगर आपके घर में सिर्फ चार लोग हैं तो एक बड़ा घर खरीदने का कोई सेन्स नहीं बनता, अगर अब ज्यादा बड़ा घर लेंगे जैसे की 1 करोड़ या 1.5 करोड़ का तो उसकी EMI भी ज्यादा होगी. जॉब शायद अफोर्ड ना कर पाएं इसलिए आपकी EMI आपकी इनकम की 30% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और हाँ घर लेने के बाद फालतू के लोन लेना बंद कर दे.20) खुद को Educate करें ( Educate Yourself)
यह मैटर नहीं करता की आप टेक्निकल या मेडिकल बैकग्राउंड से हैं, पैसे सब के लिए जरूरत है तो उसके बारे में सीखना जरूरी है. FOMO में आकर इन्वेस्ट ना करें की दूसरे लोग इन्वेस्ट कर रहे हैं तो हम भी इन्वेस्ट कर लेते हैं, हर दिन कम से कम एक घंटा इस सब्जेक्ट को दे, नए इन्वेस्टिंग ऑप्शन के बारे में सीखें, नई पर्सनल फाइनेंशियल टिप्स के बारे में सीखें, बुक्स रीड करें यह सबसे जरूरी पॉइंट है और आपको इसे फॉलो करना ही होगा. इसके साथ-साथ आपको KUKU FM पर दी गई बहुत summaries बुक को भी सुन सकते हैं जिससे आप अपने फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट को लेकर अपनी नॉलेज को बढ़ा सकते हैं जैसे Rich Dad Poor Dad, The Intelligent Investor और Psychology of Money इसके अलावा भी यहां पर बहुत से ऑप्शंस अवेलेबल हैं, आप भी कुकू एफएम को डाउनलोड करके बहुत से कोर्स, हजारों audiobooksऔर बुक समरिज को भी सुन सकते हैं इसके लिए आपको एक जगह बैठने की भी जरूरत नहीं है, वॉक करते हुए, ट्रेवल करते वक्त, खाना खाते हुए भी आप इसे सुन सकते हैं.21) अपनी लाइफस्टाइल को अपग्रेड करने में ना फंसे (Do not fall in upgrading your lifestyle)
एक एग्जांपल से समझते हैं की दिवाली है और आप 20 हजार का नया फोन लाये और आपने 10 हजार की डाउन पेमेंट कर दी है और बाकी का अमाउंट EMI में देंगे, 6 महीने के बाद आपने कर्जे को क्लियर कर दिया, अब मार्केट में एक नया फोन लॉन्च हुआ जिसकी कीमत 40 हजार है, आपने सोचा की आपका फोन तो पुराना हो रहा है और आप उसे 12 हजार में बेच सकते हैं, फिर आप वो 40 हजार का फोन EMI पर ले लेंगे और आने वाले महीने में इंस्टॉलमेंट देते रहेंगे, ये एक सिनेरियो है लाइफस्टाइल अपग्रेडिंग का, आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं की एक लोन से निकले और दूसरे में फंसे. आपको नया फोन नहीं चाहिए और आपका करंट फोन सही चल रहा है लेकिन तब भी आप नया फोन लेने की सोच रहे हैं तो आप लाइफस्टाइल अपग्रेडिंग के ट्रैक में फस रहे हैं. आप ऐसे उन चीजों के साथ कर सकते हैं जो आपको ज्यादा कमाने में मदद करते हैं, एग्जांपल के लिए अगर आप एक वीडियो एडिटर हैं और आपको एक अच्छा पीसी चाहिए तो उसे जरूर ख़रीदे क्योंकि एक अच्छा पीसी आपको ज्यादा कमाने में हेल्प करेगा, कभी भी वह चीज ना ख़रीदे जो आपको नहीं चाहिए.22) अपने आसपास के लोगों के साथ सेविंग में कंप्लीट करें ना किस पेंडिंग में (Complete with your neighbor in saving not in spending)
जैसे की हमने पहले कहा की आप दूसरे लोगों को देखकर चीजे खरीदते हैं लेकिन ये बहुत गलत है क्योंकि आप अपने पड़ोसी को दिखाने के लिए महंगा फोन और महंगी कार तो ले लेंगे लेकिन उन्हें शो ऑफ करने के बाद उसकी EMI आपको भरनी है, ये आपके फाइनेंस के साथ बहुत गलत है इससे अच्छा रहेगा की आप अपने पड़ोसी और दूसरों के साथ सेविंग में कंप्लीट करे, उन्हें बताएं की शो ऑफ करना कितना बुरा है और उन्हें कहे की अब से हम लोग हर हफ्ते अपने फाइनेंस और पोर्टफोलियो के ऊपर बात करेंगे. अगर आप और आपके फ्रेंड्स ऐसा करते हैं तो आपको भी और उनको भी इन्वेस्ट करने का और इन्वेस्टिंग के बारे में सीखने का मोटिवेशन मिलेगा जो की काफी अच्छा है.23) EMI के अमाउंट को डिफाइन करें (Define the amount EMI)
जैसा की हम 50-30-20 रूल में देख चुके हैं की आपको अपनी इनकम का 50% अपनी नीड्स जैसे रेंट, कपड़ों पर खर्च करना चाहिए. 30% अपनी वांट्स जैसे बाहर खाना खाना, पार्टी करना, EMI पे करना इस पर खर्च करना चाहिए और 20% इन्वेस्ट सेव करना चाहिए इसी से एक जरूरी पॉइंट हैं की आपकी EMI का अमाउंट आपकी टोटल इनकम का 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए, आप चाहे कोई भी EMI पे करते हो एजुकेशन लोन के, पर्सनल लोन के वह सब मिलकर आपकी इनकम का 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अगर आप 10 हजार रुपये कमाते हैं तो आपकी सारी EMI मिल कर 3000 हजार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अगर आप यह नहीं करते हैं और आपकी ये EMI आपकी 40 से 50% इनकम को कवर करती हैं तो आप बहुत ज्यादा रिस्क वाली गेम खेल रहे हैं. आपको हर टाइम पैसों की कमी का सामना करना पड़ेगा और कभी-कभी आप अपने आप से यह भी पूछेंगे की मेरी इनकम जाती कहां है. सबसे बड़ी बात इसकी वजह से आप इन्वेस्ट भी नहीं कर पाएंगे.24) Asset और Liabilities की बिच के डिफरेंस को समझे (Understand the difference between Asset and Liabilities)
Asset वो चीज है जो आपके जेब में पैसे डालती है भलेही आप काम करे या ना करे. Liabilities ऐसी चीज है जो आपकी जेब से पैसे ले जाती है. मिड्ल क्लास लोग खरीदते है जो उन्हें Asset लगती है, Asset कुछ भी हो सकती है जो आपको पैसे जनरेट करके दे रही हो जैसे रेंट पर दी गयी प्रॉपर्टी, स्टॉक से आयी इनक. अपनी जॉब करते रहे लेकिन Liabilities खरीदने से पहले Asset ख़रीदे. अमीर लोग जितनी भी महंगी चीज खरीदते हैं वह अपनी इनकम से नहीं बल्कि अपनी Assets की इनकम से खरीदते हैं.25) कभी भी यह ना कहे की अफोर्ड नहीं कर सकते (Never say I Can't afford it)
I can't afforded बोलना आपके सब कॉन्शियस माइंड को नेगेटिविटी प्रोग्राम करता है. Rich Dad Poor Dad के ऑथर कहते है "I Can't Afford It'' ask yourself "How Can I Afford This." I Can't afforded बोलने की बजाय अपने आप से पूछिए की मैं इसे कैसे अफोर्ड कर सकता हूं. I can't Afford बोलने से आपका दिमाग बंद हो जाता है बल्कि सवाल पूछने से आपका दिमाग उन तरीके के बारे में सोचने लगता है जिससे आप पैसे कमा सकते हैं. इसका मतलब यह नहीं है क्या वो हर चीज ले जो आप चाहते हैं बल्कि हमारा मोटिव यह है की आप अपने आप से सवाल पूछे और आपका दिमाग आपको जरूर जवाब देगा. जैसे जिम करना बॉडी के लिए एक्सरसाइज होती है वैसे ही अपने आप से ऐसे सवाल पूछना दिमाग के लिए एक्सरसाइज होती है.26) अपने दोस्तों को Wisely चुने (Choose friends wisely)
अब आप सोच रहे होंगे की फाइनेंस के आर्टिकल में फ्रेंड्स के बारे में क्यों बता रहे हैं वो इसलिए क्योंकि जिम रॉन ने कहा है "You're the average of five people you spend the most time with." इसका मतलब है की आप उन पांच लोगों के एवरेज है जिनके साथ आप सबसे ज्यादा टाइम स्पेंड करते हैं, अगर वो पांच लोग करोड़पति हैं तो आप भी करोड़पति बन सकेंगे. देखिए अगर आपके दोस्त फाइनेंस पर, इन्वेस्टिंग के ऊपर बात करते हैं तो यह आपके लिए काफी अच्छी चीज है क्योंकि आप भी उनके साथ टाइम स्पेंड करके उनके जैसा सोचने लग जाएंगे. अगर आपके फ्रेंड्स फाइनेंस में इंटरेस्टेड नहीं है तो उन्हें इस टॉपिक की अहमियत बताएं और नए फ्रेंड्स बनाएं जो इस टॉपिक में इंटरेस्टेड हो.27) Understand the power of Giving
हम सब दूसरों से लेना पसंद करते हैं लेकिन देना नहीं, अगर आप फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट बनना चाहते हैं तो दूसरों को पैसे, अपनी एडवाइस और अपना टाइम दे. Law of Giving पे चलता है यानी की जो ज्यादा देता है उसे ज्यादा मिलता है. इसलिए किसी चैरिटी फंड में जितना आपसे हो सके उतना डोनेट करिए. अगर किसी को आपकी एडवाइस चाहिए तो उसे बिना ईगो के अपनी एडवाइस दें. आप ये करते टाइम सोच सकते हैं की इससे मेरा क्या फायदा होगा लेकिन लॉन्ग टर्म में भगवान आपको इतना देगा जितना की आपने कभी सोचा भी नहीं होगा.28) परसेंटेज की टर्म में सोचें (Think in terms of Percentage)
सोचिए आपने 5 रुपये का एक स्टॉक लिया और अब आप सोच रहे हैं की वह 10 रुपये का तो हो ही जाएगा, क्योंकि आपकी दिमाग में चल रहा है की उसे तो 5 रुपये से बढ़ना है लेकिन यह 100% का इंक्रीज है, कभी भी सिर्फ प्राइस देखकर कोई चीज ना खरीदे बल्कि परसेंटेज देखिये ये काफी जरूरी है. इमेजिन करें एक आदमी ने क्रेडिट कार्ड कंपनी को मिनिमम अमाउंट due पे किया और इसकी वजह से अगले महीने उसने 1 लाख पर 3,000 रुपये का रेट ऑफ इंटरेस्ट दिया, अब वो आदमी सोच रहा है की बस 3,000 रुपए का ही तो इंटरेस्ट गया है लेकिन एक परसेंटेज वाला आदमी कहेगा की यह तो महीने का 3% है यानी की साल का 36% जो की सच में बहुत ज्यादा है. इसलिए परसेंटेज में सोचना शुरू करें.29) प्रॉब्लम को सॉल्व करें और रिच बने (Solve problems and get Rich)
इसका मतलब है जितनी बड़ी प्रॉब्लम आप सॉल्व करेंगे उतने ज्यादा आप अमीर बनेंगे. अगर आप बहुत छोटी सी प्रॉब्लम सॉल्व कर रहे हैं तो आपको बहुत कम पैसे मिलेंगे. आप इसे रिक्शा वाले के एग्जांपल से समझ सकते हैं, वो मेहनत तो बहुत करते हैं लेकिन वो जो प्रॉब्लम सॉल्व कर रहे हैं वह बहुत छोटी है इसलिए वो ज्यादा पैसे नहीं कमा पाते. यही आप एक मार्केटिंग हेड को देखें कंपनी उनकी कंसल्टेंसी के लिए लाखों रुपए देती हैं क्योंकि कंपनी को पता है की कंसल्टेंसी को सही से यूज़ करने पर वो करोड़ रुपए कमा सकते हैं. इसलिए बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व करने का सोचें यही रीजन है की क्यों बड़ी-बड़ी कंपनी जैसे एप्पल और गूगल जैसी कंपनी अपनी CEOs को बहुत ज्यादा पैसे पे करती हैं.30) इन्वेस्टिंग में 80/20 प्रिंसिपल का यूज़ करे
80/20 प्रिंसिपल केहता है की 80 परसेंट रिज़ल्ट 20 परसेंट एफर्ट से आते है और ये प्रिंसिपल जिंदगी के हर एरिया में अप्लाई होता है. एग्जांपल के लिए 20% Youtubers को 80% व्यूअरशिप मिलती है, 80% क्राइम्स, 20% क्रिमिनल्स ही करते हैं और यह प्रिंसिपल इन्वेस्टिंग में भी लगता है. अगर आप इन्वेस्टिंग में नए हैं तो वो 20% फंडामेंटल सीखे जो 80% टाइम यूज़ किए जाते हैं, यह आपका बहुत सारा टाइम, एफर्ट बचाएगा और ये आपको इन्वेस्टिंग के बेसिक्स को काफी कम टाइम में सीखने में हेल्प करेगा.31) मार्केट में पेशेंस रखें ( Have patience in the market)
सारे सक्सेसफुल इन्वेस्टर्स के अंदर एक कॉमन ट्रेंड है वो है पेशेंस, वो लोग लॉन्ग टर्म पॉइंट ऑफ व्यू को रखते हैं, वो एक शेर को एक दिन एक हफ्ते तक होल्ड करने के बारे में नहीं सोचते हैं बल्कि वह उसे 5 साल या 10 साल तक होल्ड करने की सोचते हैं, इसी वजह से वो अपने पैसों को बहुत ज्यादा बढ़ा पाते हैं. जब आप इन्वेस्ट कर रहे हैं तो एक दिन या एक हफ्ते के बारे में ना सोचें की शेर अभी 100 है और जब 110 का हो जाएगा तो बेच देंगे, हाँ ऐसा करके आप अच्छे रिटर्न जेनरेट कर पाएंगे लेकिन बड़े रिटर्न्स लॉन्ग टर्म ही जेनरेट होते हैं इस बात को हमेशा याद रखें.32) अपनी टाइम की सबसे ज्यादा वैल्यू करें (Value your time the most)
एक बार जो इस आर्टिकल से याद रखने के लिए कहेंगे की पैसे अनलिमिटेड है लेकिन टाइम बहुत लिमिटेड. दुनिया में इतने पैसे हैं जितना आपने कभी सोचा भी नहीं होगा लेकिन हम सबके पास यहां तक की Elon Musk के पास भी टाइम लिमिटेड है. अगर आप 10 रुपये बचाने के लिए एक लंबी लाइन में लगाते हैं, या Amazon या Flipkart से सामान ना खरीद कर कुछ पैसे बचाने के लिए बाजार में घंटो लगाते हैं तो हम आपको केह सकते हैं की आप वो कर रहे हैं जो गरीब लोग करते हैं. अमीर लोग अपनी टाइम को सबसे ज्यादा वैल्यू करते हैं. पहले मैं सोचता था की अमीर लोगों के पास पैसे हैं इसलिए वो ड्राइवर रखते हैं लेकिन अब मुझे पता चला की वह ड्राइवर इसलिए रखते हैं क्योंकि उनका टाइम बच सके क्योंकि उस टाइम इतना हाई वैल्यू काम कर सकते हैं जिससे की वह अपनी ड्राइवर की सैलरी का 5 गुना ज्यादा कमा सकें.33) जिन चीजों को आप सच में चाहते हैं उनके पिछले साल के मॉडेल खरीदे (Buy last year model of things which you really want)
यह महंगी आइटम्स जैसे कार्स, टीवी, इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फ़ोन्स खरीदते टाइम पैसे बचाने का सबसे अच्छा तरीका है. हर साल नए आइटम्स को innovating करना काफी मुश्किल होता है इसलिए कंपनी पिछले साल के आइटम्स को थोड़ा सा upgrade करते हैं और उसे ज्यादा रेट पर प्राइस कर देते हैं. आप इस आईफोन 14 और आईफोन 15 से देख सकते हैं, पिछली मॉडेल्स की इन्वेंटरी को कम करने के लिए कंपनी उन पर डिस्काउंट देना शुरू कर देती है और आपको वो आइटम कम प्राइस पर मिल जाते हैं. पिछले साल या 2 साल पुराने मॉडेल को खरीदना फाइनेंशली एक सही डिसीजन है क्योंकि आपको आज की टेक्नोलॉजी जैसी सिमिलर टेक्नोलॉजी कम प्राइस पर मिल जाती है.34) हमेशा अपनी फैमिली को अपने फाइनेंसियल क्रंचेस के बारे में बताएं (Always tell your family about your financial crunch)
ज्यादातर लोग अपनी फैमिली के साथ अपने finances को डिस्कस नहीं करते जो काफी बुरा है, आपको अपनी फैमिली के साथ इसे शेयर करना चाहिए उन्हें बताएं आपने कितने लोन्स लिए हैं और साथ ही अपनी जिंदगी के फाइनेंशियल क्रंचेस के बारे में भी बताएं. फैमिली आपका सपोर्ट सिस्टम है अगर आप अपनी फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स के बारे में बताएंगे तो उनके wisdom, नॉलेज और experience से आपको कुछ नयी आइडियाज मिल सकते हैं. आपके पेरेंट्स आपको फाइनेंस के बारे में कुछ ऐसा बता सकते हैं जो आपने पहले कभी सोचा भी ना हो.35) अपनी इनकम के साथ अपने खर्चे ना बढ़ाएं (Never increase your expenses with your income)
ज्यादातर लोग अपनी इनकम के साथ अपने खर्चे को बढ़ा देते हैं, ज्यादातर लोग पहले से ही ये सोच कर रखते हैं की इनकम बढ़ते ही उन्हें क्या खरीदना है लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है आपकी जितनी भी इनकम बढ़ती है उसमें से 50% ही अपने एक्सपेंसेस में डालें और बचे 50% को सेव या इन्वेस्ट करें. अगर आप यह हैबिट बिल्ड कर लेते हैं तो आपको काफी ज्यादा फायदा मिलेगा क्योंकि जब आपकी मंथली इनकम 40 हजार या 50 हजार बढ़ेगी तो आप उसमे 20 हजार या 25 हजार इन्वेस्ट करेंगे जो की बहुत अच्छा है.36) अपने सब कॉन्शियस माइंड को सक्सेस के लिए प्रोग्राम करें (Program your subconscious mind for success)
देखिए दिन के आठ या 10 घंटे काम करना ठीक है लेकिन आधा एक घंटा अपने सबकॉन्शियस माइंड को भी देना जरूरी है. इसलिए सुबह उठने के बाद या रात में सोने से पहले मेडिटेशन कीजिए और रात को सोने से पहले अपने दिमाग में यह बात रिपीट करें की आप अमीर हैं, भले ही आपके पास अभी उतने पैसे ना हो लेकिन तब भी इसे बोलिए क्योंकि यह शब्द आपके सब कॉन्शियस माइंड को इंस्ट्रक्शन देंगे.37) बिना नॉलेज के कभी इन्वेस्ट ना करें (Never Invest without Knowledge)
एक गलती जो काफी सारे लोग करते हैं वह बिना नॉलेज के इन्वेस्ट करना. लोग FOMO में आकर इन्वेस्ट कर देते हैं और इन्वेस्टिंग की प्रॉपर नॉलेज नहीं लेते हैं. आपको अपनी किसी भी दोस्त की बात नहीं सुननी है, आपका दोस्त कितना भी केह ले की उसने पैसे डबल कर लिए हैं लेकिन आपको उस चीज में बिना नॉलेज के इन्वेस्ट नहीं करना है.38) दोस्तों को उधर देना (Borrowing to Friends)
आपने शायद मूवीज में या एयरपोर्ट पे देखा होगा की, पहले अपना ऑक्सीजन मास्क लगाए फिर किसी और की हेल्प करें. यह लाइन यहां पर परफेक्ट बैठती है, अगर आपके पास पैसे नहीं है तो अपने दोस्त को भी ना दें इसका ये मतलब नहीं है की दोस्तों की हेल्प ना करें बल्कि तब हेल्प करें जब आपके पास खुद एक्स्ट्रा पैसे हो. इसका कोई भी लॉजिक नहीं बैठता की आपने खुद कर्जे लिए हुए हैं और दूसरों को पैसे बाँट रहे हैं. इसलिए दोस्तों को पैसे तब दे जब आपके पास खुद पैसे हो.39) अगर आपके अकाउंट में पैसे हैं तो अपने लोन चुकाएँ (If you have money in your accounts then pay off the loans)
अगर आपके ऊपर कोई भी लोन है जैसे पर्सनल लोन, कार लोन तो उसका इंटरेस्ट रेट 12 से 14% होगा लेकिन अगर आप इसे सेविंग अकाउंट पर रखते हैं तो उसे पर आपको 4 से 5% इंटरेस्ट ही मिलेगा. सोचिए अगर आपके पास 1 लाख का लोन है और आपके पास सेविंग में भी 1 लाख रुपये हैं तो सेविंग अकाउंट के पैसे को यूज करके लोन खत्म करें. ये हम में से काफी लोगों की आदत होती है की हमारे पास पैसे होते हैं लेकिन हम लोन नहीं चुकाते और उसकी EMI देते रहते हैं, लेकिन आपको यह नहीं करना है.चलिए आगे बताते है की अगर आपने अपने लोन पे कर दिए हैं और आपके पास एक्स्ट्रा पैसे हैं तो सेविंग अकाउंट से भी ज्यादा रिटर्न कैसे कमाए.
40) लिक्विड म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करें (Invest in liquid mutual funds)
ये Scenario तब अप्लाई होता है जब आपने अपने सभी लोन्स पे कर दिए हैं लेकिन तब भी आपके पास एक्स्ट्रा पैसे हैं इस कंडीशन में आपको अपने पैसे सेविंग अकाउंट में नहीं रखने चाहिए बल्कि उन्हें लिक्विड म्युचुअल फंड्स में रखने चाहिए, इसमें आप अपने पैसे जब चाहे तब निकाल सकते है और इसमें कोई fixed tenure नहीं होता है. हम आपको इसमें इसलिए पैसे रखने को कह रहे हैं क्योंकि आपके पैसे सेविंग अकाउंट में ज्यादा ग्रो नहीं करेंगे और यहां आपको उससे ज्यादा रिटर्न मिलेगा और यहां पर risk भी बहुत कम है.41) कंपाउंडिंग के कॉन्सेप्ट को समझे (Understand Compounding)
आपने काफी सारे फाइनेंसियल एक्सपर्ट्स को यह कहते हुए सुना होगा की बस 1,000 हजार हर महीने इन्वेस्ट करें और 30 या 40 साल बाद आपके पास करोड़ रुपए होंगे यह जो प्रक्रिया होती है उसे हम कंपाउंडिंग कहते हैं. जैसे की हम पहले बता चुके हैं की आपको लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करना चाहिए उसके पीछे का रीजन है कंपाउंडिंग, जितना ज्यादा टाइम तक आप इन्वेस्टेड रहेंगे उतने ज्यादा आपके पैसे ग्रो करेंगे. इसे एग्जांपल के साथ समझते हैं आज आपने 1,000 रुपए इन्वेस्ट किए और आपको उस पर 10% के रेट ऑफ इंटरेस्ट मिल रहा है, एक साल बाद आपके पैसे 1,100 रुपए हो जाएंगे, अब अगले साल आपको इंटरेस्ट नई प्रिंसिपल पर यानी 1,100 रुपए पर मिलेगा जो होगा 110 रुपए और आपके पैसे हो जाएंगे 1,210 रुपए और यह प्रक्रिया ऐसे ही चलता रहेगा. पैसों की कंपाउंडिंग होते टाइम कुछ ups and downs आ सकते हैं, अगर आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो कभी आपके पैसे कम ग्रो होंगे और कभी ज्यादा, लेकिन आपको इन इमोशंस को अपने पर हावी नहीं होने देना है और एक लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करना है. इससे एक और कॉन्सेप्ट आता है की जितना जल्दी हो सके शुरू करें चलिए इस पॉइंट को अगले पॉइंट में बताते हैं.42) जितना जल्दी हो सके इन्वेस्टिंग शुरू कर दे (Start investing as early as possible)
वॉरेन बफेट जो दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर हैं उन्होंने अपनी इन्वेस्टिंग जर्नी 11 साल की उम्र में शुरू कर दी थी. हाँ आपने सही पढ़ा 11 साल में वॉरेन बफेट सीखें है इन्वेस्टिंग, लेकिन इसका एक सीक्रेट है, वो ये भी कहते हैं की जब वो यंग थे और उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे तब भी उन्होंने एक सेकंड के लिए डाउट नहीं किया की वो अमीर बनेंगे या नहीं, उन्हें पता था की उन्हें अमीर बनना ही है. इसके पीछे जो सबसे बड़ा रीजन है वह है कंपाउंडिंग. कंपाउंडिंग से अपने पैसे exponentially ग्रो कराने के लिए आपको लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करना होगा और अगर आप जल्दी अपनी इन्वेस्टिंग जर्नी शुरू करते हैं जैसे teens में या early 20s में तो आप बहुत ज्यादा पैसे बना पाएंगे. इसलिए अभी से इन्वेस्टिंग के बारे में पढ़ना शुरू करें यूट्यूब पे कई सारे फाइनेंसियल एक्सपर्ट्स बहुत ही सिंपल मेथड से ये सारे टॉपिक समझाते हैं.43) ज्यादा रिटर्न के पीछे ना भागे (Don't run behind high returns)
जिम साइमन जो Hedge Fund Renaissance Technologies के हेड हैं उन्होंने 1988 से अपने पैसों को सालाना 66% से कंपाउंड किया है, उनके रिकॉर्ड के आसपास कोई भी नहीं है. आज उनकी नेटवर्क 24.4 बिलियन डॉलर है, वही वॉरेन बफेट ने पैसों को सालाना 22% से कंपाउंड किया है जो की जिन साइमन का 1/3 है, लेकिन वॉरेन बफेट की नेटवर्क 105 बिलियन डॉलर है. आप देख सकते हैं की इन्वेस्टिंग में टाइम क्या रोल प्ले करता है इसलिए अगर आपका दोस्त यह कह रहा है की वो आपसे ज्यादा रिटर्न कमा रहे हैं, तो प्लीज टेंशन ना ले हमेशा याद रखें की अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करेंगे तो कम रिटर्न्स आपके लिए कोई दिक्कत नहीं होगी. हमेशा याद रखें की अच्छी इन्वेस्टिंग का मतलब हाईएस्ट रिटर्न कमाना नहीं है क्योंकि हाई रिटर्न हर साल लाना बहुत मुश्किल है, अच्छी इन्वेस्टिंग का मतलब है लंबी टाइम के लिए ठीक-ठाक रिटर्न्स कमाना क्योंकि तब कंपाउंडिंग अपना काम करती है.44) प्रेशर में फाइनेंशियल डिसीजन ना ले (Don't take financial decisions under pressure)
बहुत सारे लोग प्रेशर में आकर फाइनेंशियल डिसीजन लेते हैं. उनके दोस्त ने बड़ा घर खरीदा है इससे उनकी ईगो हर्ट हो गई और उन्होंने भी बहुत बड़ा कर्जा लेकर एक बड़ा घर खरीद लिया. किसी की अपनी पार्टनर से लड़ाई हो गई अब अपने पार्टनर को prove करने के लिए उन्होंने बड़ा लोन लिया. देखिए ज्यादातर जो फाइनेंशियल डिसीजन प्रेशर में लिए जाते हैं वह लॉन्ग टर्म में फायदेमंद नहीं होते हैं इसलिए इमोशनल होकर कोई भी डिसीजन ना ले, पहले ठन्डे दिमाग से सोंचे फिर कुंछ करे.45) Get Rich स्कीम्स में इन्वेस्ट ना करे (Don't Invest in get rich schemes)
पैसे कमाना इतना आसान भी नहीं है, अगर आपके दोस्त केहते है उन्होंने स्कीम में इन्वेस्ट करके पैसे दो गुना या तीन गुना कर लिए है तो समझ जाईये की ये एक स्कैम है. इसी लालच में आकर अपनी मेहनत से कमाए हुए पैसों को ना डुबोएं. भगवान आपको चेक करता है की आप उस पैसे के लायक हैं या नहीं इसलिए इसे किसी भी स्कीम के झांसे में आकर अपने पैसे इन्वेस्ट ना करें.46) हमेशा अपने ऊपर इन्वेस्ट करें (Always invest in yourself)
ज्यादातर लोग एक नई गाड़ी या एक नई फोन में इन्वेस्ट करने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन अपने ऊपर इन्वेस्ट करने में नही सोचते हैं. वॉरेन बफेट ने कहा है की जो बेस्ट इन्वेस्टमेंट आप कर सकते हैं वह है अपने ऊपर, तो फालतू के खर्चे करने की बजाय अपने ऊपर इन्वेस्ट करें. आप अपने ऊपर इन्वेस्ट कर सकते हैं डिफरेंट कोर्सेज लेकर जो आपको आपके कैरियर में हेल्प करें, बुक्स पढ़कर यह सब आपको आपकी स्किल्स इंप्रूव करने में हेल्प करेंगे. हमेशा वॉरेन बफेट की बात याद रखें. देखिए अगर आप अपनी स्किल को अपग्रेड करेंगे तो आप ज्यादा पैसे कमा पाएंगे क्योंकि ज्यादा पैसे वही कमाता है जिसके पास ज्यादा स्किल्स हो और जो उन स्किल से लोगों को वैल्यू दे सके.47) पैसे को रिस्पेक्ट करें (Respect Money)
एंटी वेल्थ होना आपको अमीर बनने से रोकता है क्योंकि आपके पास सही माइंडसेट नहीं होगा और आप लोगों के साथ एक सही लेवल पर डील नहीं कर पाएंगे. पैसों और अमीर लोगों के लिए एक अच्छा परसेप्शन बनाएं, प्लीज यह ना कहें की पैसे सारे फसाद की जड़ है और जिनके पास पैसे होते हैं उनके घर में बहुत झगड़े होते हैं, क्योंकि आपका सब कॉन्शियस माइंड समझ जाएगा की आप पैसों की रिस्पेक्ट नहीं करते हैं और वो आपकी जिंदगी में attract नहीं होगा.48) लाइफ इंश्योरेंस ले (Take a life insurance)
लाइफ इंश्योरेंस में अगर आपकी डेथ हो जाती है तो आपकी नॉमिनी को एक इंश्योर्ड अमाउंट मिलेगा, वो नॉमिनी कोई भी हो सकता है आपके स्पाउस या आपके पार्टनर या आपके पेरेंट्स. कोई भी इन्वेस्टमेंट करने से पहले लाइफ इंश्योरेंस खरीदे, क्योंकि आप अपने घर के earning मेंबर हैं और भगवान ना करें अगर आपको कुछ हो जाता है तो आपकी फैमिली सरवाइव नहीं कर पाएगी. mainly दो तरीके के इंश्योरेंस plans होते हैं Term Plan और दूसरा Endowment या Maturity Plan. दोनों को डिटेल्ड में समझते है.49) हेल्थ इंश्योरेंस ले (Take a Health Insurance)
हेल्थ इंश्योरेंस आपको अपनी पुरी फैमिली का लेना चाहिए, आप एक ऐसा प्लान ले जिसमें आपकी पुरी फैमिली कवर होती हो. हेल्थ इंश्योरेंस काफी जरूरी होता है भगवान ना करें आपको कुछ भी हो जाता है तो आपके पास फाइनेंशियल सेफ्टी होगी. अगर आप एक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लेते हैं और भगवान ना करें आपके घर में किसी का एक्सीडेंट हो जाता है तो आपको ही अपनी सेविंग में से पैसे निकालने होंगे और अगर आपके पास पैसे नहीं हुए तो आपको लोन भी लेना पड़ सकता है, चांसेस हैं की आपको कोई लोन ना भी दे इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लें. कोई भी इन्वेस्टमेंट शुरू करने से पहले हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस जरूर लें और फिर इमरजेंसी फंड बिल्ड करना शुरू करे.50) अगर आप यंग हैं तो नई कार ना खरीदें (If you are young then don't buy a new car)
जैसा की हम पहले भी कह चुके हैं की यंग लोग show off करने के लिए काफी सारी फालतू चीजे खरीदते हैं और उनमें से कार भी है. कुछ लोगों को कार की नीड नहीं होती है लेकिन अपने दोस्तों को दिखाने के लिए वो एक महंगी कार खरीद लेते हैं. कार एक ऐसा asset है जो शोरूम से उतरते ही अपने 30% वैल्यू खो देता है. कार के ऊपर आपको काफी तरीके के खर्चे भी करने होते हैं जैसे मेंटेनेंस का खर्चा, पार्किंग का खर्चा और सबसे बड़ा पेट्रोल-डीजल का खर्चा. अगर आपको सिर्फ ऑफिस से घर और घर से ऑफिस जाना होता है और कभी-कभी फैमिली के साथ घूमने जाना होता है तो कार में पैसे वेस्ट ना करें बल्कि Cab, बस या मेट्रो का यूज़ करें. लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा कार यूज़ करते हैं तो ही अपनी कार लेना बेस्ट ऑप्शन है उसके लिए भी आप सेकंड हैंड कार लेने के बारे में सोच सकते हैं.यह थी वो 50 Finance - Investing Tips in Hindi for Beginners जिनकी हेल्प से आप इन्वेस्टमेंट के बारे में बहुत कुछ सिख सकते हैं. अगर आप इस फील्ड में नए है और आपको इन्वेस्टिंग I भी नहीं आता है तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपकी काफी सारी मुश्किलें आसान हो गयी होंगी. आपने इस आर्टिकल में पढ़ा होगा की अमीर बनना कितना आसान है लेकिन हम इससे ज्यादातर लोग अमीर इसलिए नहीं बन पाते क्योंकि हम अपनी पैसों को सही तरीके से यूज़ नहीं करते, हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप अपने पैसो को फिजूल में खर्च करने की जगह, सही जगह पर लगा पाएंगे.