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Success Story of Cristiano Ronaldo : कैसे RONALDO झाड़ू-वाले से अरबपति बन पाया.

Success Story of Cristiano Ronaldo : आज क्रिस्टियानो रोनाल्डो को कौन नहीं जानता है लेकिन क्या आपको पता है कि Cristiano Ronaldo को इस दुनिया में आने से पहले लड़नी पड़ी थी मौत की लड़ाई, क्योंकि उनकी खुद की माँ उन्हे मार देना चाहती थी. आज वो दुनिया के Biggest वालों में से एक और इकलौते ऐसे फुटबॉलर बनने वाले रोनाल्डो, जिन्होंने सबसे पहले वन बिलीयन डॉलर यानी 7500 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है और इनके पास आज इतनी Cars है कि उनकी गिनती तक उन्हें याद नही है. उनका बचपन ऐसी गरीबी में गुजरा था कि उनके पास असली क्या, खेलने वाली कार भी नहीं थी. तो आखिर Ronaldo के हाथ में ऐसा कौन सा जादुई चिराग लग गया कि वह दुनिया के नंबर वन प्लेयर की लिस्ट में शामिल है. आज उनके पास फुटबॉलर्स का सबसे बड़ा अवॉर्ड BALLOND'Or अवॉर्ड एक दो नहीं पांच-पांच है. आखिर दुनिया उन्हें फुटबॉल का भगवान मानकर उनकी पूजा क्यों करती है, इसके बारे में इस आर्टिकल में बताएँगे कि आखिर Cristiano Ronaldo के पास कौन सा अलादीन का चिराग है. तो चलिए आर्टिकल शुरू करते हैं आर्टिकल का टाइटल from rags to riches Incredible Story of Cristiano Ronaldo.


Success Story of Cristiano Ronaldo : कैसे RONALDO झाड़ू-वाले से अरबपति बन पाया.

Success Story of Cristiano Ronaldo


जिंदगी की हर लड़ाई को इंसान जीत सकता है अगर उसके पास अपनों का साथ हो, पर क्या हो अगर वही अपने आपकी जिंदगी की डोर को अपने हाथों से काटने लग जाए और यही हुआ रोनाल्डो के साथ. जब रोनाल्डो की माँ मारिया को यह पता चला कि वह अपने चौथे बच्चे के साथ पेट से है तो रोनाल्डो की माँ ने अपने बच्चे को इस दुनिया में आने से पहले इस दुनिया से बेदखल करने की ठान ली. पर रोनाल्डो की माँ यह अपनी खुशी से नहीं मजबूरियों के चलते करने वाली थी, क्योंकि रोनाल्डो के पहले ही मारिया के तीन बच्चे थे पर मारिया और Ronaldo के पिता José अपने बच्चों को बहुत ही मुश्किल से पाल पा रहे थे उनके लिए खाना जुटा पा रहे थे, ऐसे में चौथा बच्चा उनकी मुश्किलों को और भी ज्यादा बढ़ा देता. इसलिए रोनाल्डो के माता-पिता को यह कदम उठाना पड़ रहा था और शायद रोनाल्डो यही मौत की लड़ाई हार जाते. लेकिन मारिया के डॉक्टर ने मारिया का abortion करने से साफ इंकार कर दिया जिसके बाद 5 फरवरी 1985 को Portuguese Madeira Island पर Cristiano Ronaldo का जन्म हुआ. पर जैसा मैंने पहले आपको बताया रोनाल्डो का परिवार बहुत ही गरीब था. Ronaldo की माँ लोगों के घरों में खाना बनाती थी और रोनाल्डो के पिता एक गार्डनर थे और दोनों ही दिन रात काम करके अपने परिवार के लिए जैसे तैसे खाना जुटाए करते थे. रोनाल्डो का घर इतना छोटा था कि रोनाल्डो अपने बड़े भाई और अपनी दो बहनों के साथ एक रूम में रहते थे और रोनाल्डो और उनके भाई-बहनों के पास न खेलने के खिलौने थे ना कभी क्रिसमस में उन्हें कोई तोफे मिलते थे, बस रोनाल्डो के लाइफ में एक ही चीज मुस्कान लाती थी और वह चीज कुछ और नहीं फुटबॉल का खेल था जिससे खेलते-खेलते रोनाल्डो अपनी जिंदगी के सारे प्रॉब्लम्स को भूलकर मुस्कुराने लगते थे. पर रोनाल्डो को तब क्या पता था कि उनका यही प्यार एक दिन उनकी जिंदगी को बदल कर रख देगा और इस बदलाव की शुरुआत रोनाल्डो के बचपन से ही हो गई. जब रोनाल्डो सिर्फ सात की उम्र में Andorinna की यूथ टीम के लिए फुटबॉल खेलने लगे, वहीं रोनाल्डो के पिता इस यूथ क्लब में टीम किटमन का काम किया करते थे, यानी बस अपने परिवार के लिए चार पैसे और कमाने की खातिर वह इस क्लब के प्लेयर्स के जर्सी से लेकर उनके जूते, मोजे और बॉल का ख्याल रखते थे, जिसकी वजह से बाकि प्लेयर्स Ronaldo का मजाक उड़ाते थे, उन्हें बोली करते थे पर रोनाल्डो ने उनके मजाक को कभी अपने खेल के बिच में नहीं आने दिया. रोनाल्डो ने उनके तारों को और ज्यादा मेहनत करने का reason बना लिया और रोनाल्डो ने पहले से भी दोगुनी मेहनत से अपने फेवरेट खेल फुटबॉल को खेलने की कोशिश की.

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पता है रोनाल्डो को लोग बचपन में लिटिल क्राय बेबी बुलाया करते थे और अब भी लोग Ronaldo को इस नाम से चिढ़ाते हैं. क्योंकि आज भी रोनाल्डो बचपन की तरह ही frustrated हो जाते हैं, जब फुटबॉल के गेंद में रोनाल्डो के बॉल पास करने पर उनकी टीम का कोई इंसान बॉल को मिस कर देता है. हालांकि अब रोनाल्डो बचपन की तरह उतने emotional नही है कि हार जाने पर रोने लग जाए. पर रोना-धोना जो भी केहलो रोनाल्डो बचपन से इतने टैलेंटेड थे कि उनके इस टैलेंट को एक के बाद एक ऊंचाई की सीढ़ियां मिलने लगी. जैसे Andorinna के लिए खेलने के बाद रोनाल्डो ने 2 साल नेशनल टीम के लिए भी खेला था और सर 1997 में स्पोर्टिंग क्लब डि पुर्तगाल के साथ 3 days ट्रायल के बाद स्पोर्टिंग क्लब डि पुर्तगाल ने Ronaldo को 1500 Pound में साइन कर लिया, फिर रोनाल्डो उनके के साथ खेलने लगे. पर 11 साल की उम्र में भी रोनाल्डो अपने गेम के लिए आज की तरह ही बिल्कुल डेडिकेटेड और patinate थे, तभी तो वो उस उम्र में जहां बाकी बच्चे आराम से अपने घर में बैठकर ज़िंदगी गुज़ारते हैं, रोनाल्डो ने उस उम्र में अपने परिवार को अलविदा कहा और अपने फुटबॉल के सपने को पूरा करने वो अपने शहर घर से दूर लिस्बन में रहने चले गए. जहां जाकर उन्होंने स्पोर्टिंग क्लब डि पुर्तगाल के फुटबॉल एकेडमी को और नए स्कूल को जॉइंट कर लिया. जहां वह पूरी मेहनत और अपने आप को पहले से बेहतर बनाने की कोशिश करते रहे, उनकी मेहनत तब तो नहीं पर आज उस मेहनत का पूरा फल दे रही है. जैसे कहते ना हर खुशी में गम छुपा होता, हर अच्छाई में कहीं ना कहीं बुराई का जन्म होता है वैसे ही जैसे हर सक्सेस के पीछे हार का अंधेरा लोगों की जिंदगी की सूरज को डुबाने की कोशिश करता है, ऐसे ही कई अंधेरोने Ronaldo के फुटबॉल और तरक्की के रास्ते में आने की कोशिश की. रोनाल्डो के पास फुटबॉल खेलने का टैलेंट और उनकी कड़ी मेहनत का जज्बा तो था लेकिन रोनाल्डो एक तरफ जहां फुटबॉल के लिए पागल थे वहीं दूसरी तरफ उन्हें पढ़ाई से कोसों दूर रहना पसंद था. इसके साथ ही रोनाल्डो के गरीबी की दलदल का साया उनके पीछे लिस्बन तक आ गया था, यही नहीं मडेरा से आए रोनाल्डो की भाषा लिस्बन के लोगों से अलग थी, जिसकी वजह से जब भी वह मुंह खोलते थे तब सब उनका मजाक उड़ाने लगे थे, इसी के चलते रोनाल्डो लिस्बन के बच्चों से बात नहीं कर पाते थे. यही सब वजह थी रोनाल्डो, टीचर्स और स्टूडेंट्स के बीच सिर्फ एक बुरे स्टूडेंट थे, जिसके चलते रोनाल्डो को बहुत बोली किया जाता था और टीचर्स भी उन्हें भला-बुरा कहने से नहीं चूकते थे. लेकिन यह सब कुछ चुपचाप सहने वाले रोनाल्डो के सब्र का बांध तब टूट गया जब रोनाल्डो के एक टीचर ने रोनाल्डो की गरीबी और उनकी आवाज की नकल करके उन्हें और उनके परिवार को बुरा-भला कहा. यही नहीं उस टीचर ने तो यहां तक कह दिया कि Ronaldo अपनी जिंदगी में कभी कामयाब नहीं हो पाएगा, और बस रोनाल्डो खुद को काबू में नहीं रख पाए, रोनाल्डो ने आव देखा न ताव और अपने गुस्से में उन्होंने उस टीचर के ऊपर एक कुर्सी फेंक कर मार दी, इसके बाद होना क्या था स्कूल वालों ने रोनाल्डो को उनकी इस हरकत के लिए स्कूल से निकाल दिया. पर क्या इसमें सिर्फ रोनाल्डो की गलती थी, क्या उस टीचर का बच्चों को सपोर्ट करने के बजाय इस तरह मज़ाक उड़ाना सही था, ऐसे कई सवाल उस वक्त रोनाल्डो के मन में आए होंगे पर रोनाल्डो ने अपनी जिंदगी में आए इस काले अंधेरो को अपनी जिंदगी की रोशनी को मिटाने नहीं दिया.

Success Story of Cristiano Ronaldo

Ronaldo जो उस वक्त सिर्फ और सिर्फ 14 साल के थे उन्होंने अपनी मां से कहा कि वह अब कभी दूसरे स्कूल में नहीं जायेंगे और मारिया ने अपने बेटे की बात मान ली. मारियो को रोनाल्डो के ऊपर पूरा भरोसा था, वह जानती थी उनका जो बेटा बचपन में उनके चलते मौत से लड़ता जन्मा था, वह जिंदगी को इतनी आसानी से अपनी हिम्मत तोड़ने नहीं देगा और रोनाल्डो ने इसके बाद अपनी प्रैक्टिस पहले से ज्यादा तेजी से शुरू कर दी. वैसे तो रोनाल्डो हमेशा से ही बहुत ज्यादा एनर्जेटिक थे, उन्हें हमेशा ही दौड़ते भागते रहना पसंद था. पर 15 साल की उम्र में रोनाल्डो को तब अपने हमेशा एनर्जेटिक रहने का रास्ता पता चला जब उन्हें यह पता चला कि उन्हें Tachycardia है. Tachycardia एक हार्ट प्रॉब्लम है जिसमें इंसान का दिल बिना दौड़भाग और बिना खेले कूदे भी उस स्पीड से दौड़ता है जैसे किसी दौड़कर आए इंसान का. इसके चलते डॉक्टर्स ने रोनाल्डो को फुटबॉल खेलने से मना कर दिया. पर सुबह से रात, रात से दिन फुटबॉल प्रैक्टिस करने वाले Ronaldo को यह मंजूर नहीं था और यह बात साफ थी कि रोनाल्डो अपनी हार्ट सर्जरी करवाते हैं तो उनकी जान भी जा सकती है. पर उन्होंने इस अंधेरे से भी जंग लड़ी और ऑपरेशन करवाया. शायद 15 साल के रोनाल्डो की हिम्मत देखकर भगवान को भी उन पर दया आ गई, तभी तो इस जानलेवा ऑपरेशन से रोनाल्डो जित कर बाहर आए और बस कुछ टाइम बाद उन्होंने हॉस्पिटल से डिस्चार्ज ले लिया और देखते ही देखते कुछ ही हफ्तों में रोनाल्डो ने अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी. Ronaldo अपनी इस हार्ट सर्जरी के बाद मानो एक नया जन्म हि मिल गया, एक नई शुरुआत मिल गई पर यह नई शुरुआत अकेले नहीं आई थी, शुरुआत के साथ रोनाल्डो को सफलता की वह सीडी मिली जिसकी वजह से वह फुटबाल के बादशाह के तक पर बैठे हैं तो पूरी कहानी ऐसे है कि,

Sporting Club De Portugal के लिए खेलने वाले रोनाल्डो ने 7 अगस्त 2003 को मैनचेस्टर यूनाइटेड के साथ एक मैच खेला था, जिसमें मैनचेस्टर के पहुंचे हुए खिलाड़ियों की तीन-एक से हार हो गई थी. पर अपनी हार के बावजूत मैनचेस्टर यूनाइटेड की टीम Ronaldo के खेल से इतनी इंप्रेस थी कि उन्होंने अपने मैनेजर एलेक्स फर्गुसन के पास जाकर उन्हें किसी भी तरह रोनाल्डो को टीम में शामिल करने की रिक्वेस्ट कर दि. और अपनी टीम की तरह ही 18 साल के रोनाल्डो से इंप्रेस एलेक्स फर्गुसन ने भी अपनी पूरी जान और पैसा लगा दिया और 12.24 मिलियन पाउंड यानी यह 126 करोड़ में उन्होने रोनाल्डो को अपनी टीम के लिए 12 अगस्त 2003 को साइन कर लिया जो उस समय किसी भी 18 साल के प्लेयर को साइन करने की सबसे बड़ी रकम थी. यही नहीं रोनाल्डो पहले पोर्तुगाल प्लेयर थे जिन्हे मैनचेस्टर यूनाइटेड ने अपनी टीम में शामिल किया था. टीम में शामिल होने के बाद गैलेक्सी वह इंसान थे जिन्होंने Ronaldo को नंबर 7 की जर्सी दि थी जो आज तक रोनाल्डो की जर्सी का नंबर है. हालांकि इसके बाद रोनाल्डो का सफर आसान नहीं था कई बार रोनाल्डो की जिंदगी में बड़े-बड़े उतार-चढ़ाव आते ही रहा है, जैसे 2005 में रोनाल्डो के पिता जो एक एल्कोहलिक थे उनकी जान लीवर फेल्युअर की वजह से चली गई पर रोनाल्डो ने ऐसे किसी भी उतार-चढ़ाव से हार नहीं मानी. सन 2009 में Ronaldo ने मैनचेस्टर यूनाइटेड को बाय-बाय कहा और रीयल मैड्रिड की टीम में शामिल हो गए. आप जानकर हैरान होंगे कि रीयल मैड्रिड ने रोनाल्डो को 823 करोड़ से ज्यादा में साइन किया था. बस सिर्फ यही नहीं उसके बाद सन 2018 में रोनाल्डो ने जब जुविन्टर्स के साथ चार साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया तो उसकी कीमत 876 करोड़ से भी ज्यादा थी और यह कीमत किसी भी 30 साल के ऊपर के फुटबाल खिलाड़ी को मिलने वाली सबसे बड़ी रकम थी और Ronaldo ने अपने पुरे फुटबॉल करियर में अब तक 32 मेजर ट्रॉफी जीती है. जिनमें से 7 League Titles की है, 5 UEFA चैंपियनशिप की है, 1 UEFA यूरोपियन चैंपियनशिप की और 1 UEFA National League कि है. यही नहीं रोनाल्डो के पास फुटबॉलर्स का सबसे बड़ा अवार्ड BALLOND'or है. Remind you उनके पास यह सिर्फ एक नहीं बल्कि पांच-पांच है. आज Ronaldo के पास 1.7 मिलीयन यानि 12 करोड़ की BUGATTI और इस जैसी कितनी Cars है. इसके अलावा रोनाल्डो के पास 36 मिलियन डॉलर का प्राइवेट जेट है जिसमें 18 लोग बैठ सकते हैं और सबसे बड़ी चीज जो किसी भी प्लेयर के पास नहीं होती, वह है खुद का Museum. रोनाल्डो के पास अपना खुद का एक म्यूजियम मौजूद है जहां उनकी ट्रोफीज और गोल्डन बूट्स का कलेक्शन है और यह म्यूजियम MADIERA आयरलैंड पर खड़ा है. रोनाल्डो को अपने पैसे सिर्फ शानो-शौकत का तमाशा करने के लिए नहीं पर सही कामों में लगाने के लिए इस्तेमाल करने भी आते हैं. तभी तो Ronaldo ने अपने पैसे लगाए हैं जहां 600 से ज्यादा बच्चों की जरूरत का खर्चा रोनाल्डो खुद ही उठाते हैं. रोनाल्डो हमेशा ही डोनेशंस भी करते रहते हैं ताकि वह उन लोगों की मदद कर सके जो उनके बचपन की ही तरह एक सपना लिए गरीबी की चादर मैं अपनी जिंदगी बिता रहे हैं.

Success Story of Cristiano Ronaldo

जैसे आपको इस आर्टिकल के स्टार्टिंग में सवाल किया था की, रोनाल्डो के पास आखिर कौन सा अलादीन का चिराग है. तो I'm sure रोनाल्डो की कहानी पढ़कर आपको यह तो समझ ही आ गया होगा कि Ronaldo के पास कोई चिराग-विराग नहीं है, बल्कि रोनाल्डो के Success और अमिरी के पीछे उनकी मेहनत और लाखों मुसीबतों के बावजूद अपने सपने को Give up ना करने का जज्बा है. अगर आपका भी कोई सपना है तो अपने सपने के लिए लड़िए क्योंकि आपके सपने की लड़ाई आपको ही लड़नी होगी और उसे पूरा भी करना होगा. अगर आपको भी रोनाल्डो की गरीबी से अमिरी तक का सफर पसंद आया हो तो 
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Cristiano Ronaldo के बारे में और जानना चाहते हो, तो निचे दिए वीडियो जरूर देखिये (Watch Cristiano Ronaldo Videos):-















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