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Life Changing Motivation : जीवन में शादी और पैसे के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ती ये केवल प्रारब्ध होता है। कैसे जानिए .....

Life Changing Motivation : आज के इस Article में हम बात करने वाले हैं बहुत ही important टॉपिक पर जो कि है 'प्रारब्ध.' प्रारब्ध के बारे में आज थोड़ा सा और डिटेल एनालिसिस करेंगे. प्रारब्ध कहां आजमाना और पुरुषार्थ कहां लगाना यह फंडा जिसके समझ में आ गया वह जीत गया जिंदगी में, मतलब कि जैसे आपने सुना होगा ना कि मेहनत करनी पड़ती है बिना मेहनत के नहीं मिलता लेकिन समझना पड़ेगा कि मेहनत कहां? कहां मेहनत करनी है बस यह अगर जिसके समझ में आ जाए कि पुरुषार्थ कहां करना है और प्रारब्ध कहां आजमाना है, कहां हम सरेंडर कर सकते हैं कि जो किस्मत में होगा मिल जाएगा और कहां हमको मेहनत करनी पड़ेगी.


Life Changing Motivation : जीवन में शादी और पैसे के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ती ये केवल प्रारब्ध होता है। कैसे जानिए .....

Life Changing Motivation


पैसा जो है वह होता है कोर 'प्रारब्ध' (Life Changing Motivation)

Life Changing Motivation : जीवन में शादी और पैसे के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ती ये केवल प्रारब्ध होता है। कैसे जानिए .....


जैसे मैं आपको एक छोटा सा example देता हूं अभी कुछ समय पहले ऊपर जो तस्वीर दी हुई है उनको तो आप जानते ही होंगे दोनों को, 'डॉली भाई' और 'बिल गेट्स'. तो अभी कुछ समय पहले आज से दो तीन महीने पहले मैं वीडियो देख रहा था, जिसमें एक वीडियो मेरे सामने आया जिसमें कोई बंदा ऐसे ऐसे करके चाय बना रहा है, ऐसे स्टाइल से, ऐसे पैसे दे रहा है, ऐसे कर रहा है तो देख के थोड़ा फनी टाइप लगा. मुझे लगा सही है यार, ये बढ़िया, ठीक है देखा. फिर थोड़े दिन बाद फिर वीडियो सामने आया इस टाइप का तो पता चला अरे 'डॉली' चाय वाला डॉली. भाई ठीक है यह बात है दो-तीन महीने पहले की और फिर क्या होता है कि उस समय मैं मेरा काम कर रहा हूं मैं मेहनत कर रहा हूं सुबह उठ रहा हूं काम कर रहा हूं शाम तक काम कर रहा हूं मेरे कुछ सपने लेकर है ना. सपने तो रखने पड़ते जिंदगी में और तभी मैं मेरा काम कर रहा हूं और अचानक से खबर आती है कि जो डॉली भाई है वो बिल गेट्स को चाय पिला के आ गए. बिल गेट्स मतलब जिनसे मिलना मतलब आप सोच सकते हो कि. अब फिर उसके बाद में एक और जब खबर सुनी डॉली भाई का वीडियो आया, तो डॉली भाई बोल रहे हैं कि मुझे नहीं पता था कि यह कौन है. यह तो मुझे कहीं बुलाया गया और वहां पर मुझे बोला कि आपको चाय बनाना है और ऐसे पिलाना है और तो मुझे लगा मैं किसी अंग्रेज को चाय पिला रहा हूं नॉर्मली और कुछ ऐसा ठीक है मैं चाय पिला के वापस आ गया और जब बिल गेट्स ने उनके Instagram पे फोटो अपलोड किया तो लोगों ने देखा और फिर लोगों ने आके डॉली भाई को बताया कि आप बिल गेट्स से कैसे मिले. डॉली भाई बोले कौन बिल गेट्स? लोंग बोले वो जो जिनको आप चाय पिला थे. डॉली भाई बोले मुझे क्या पता कौन है वो.

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अब आप सोचो यह प्रारब्ध नहीं तो और क्या है. और उसके बाद देखते ही देखते डॉली भाई के पास खूब सारा पैसा आ जाता है. जो हम सपने देखते हैं कार खरीदने के उससे 100 गुना ज्यादा पैसे वाली कार इनको कोई गिफ्ट में दे देता है. अभी पिछले दो तीन महीनों के अंदर की बात है, डॉली भाई को दुबई बुला लिया जाता है, यह मालदीव चले जाते हैं इनके पास खूब सारे advertisement आने लगते हैं भैया डॉली भाई हमारे शॉप का advertisement करो, इस प्रोडक्ट का करो इसका करो उसका करो और धीरे-धीरे डॉली भाई करोड़ रुपए में पहुंच गए.

य कैसे हुआ? मेहनत तो मैं भी उतनी कर रहा हूं मेरे जैसे और भी कई लोग उतनी ही कर रहे हैं, है ना. अब आप देखो एक दिन में 100 लोग मेहनत कर रहे हैं. सुबह 100 ही लोग सुबह 6:00 बजे उठ रहे हैं शाम को 6:00 बजे तक काम कर रहे हैं लेकिन सबको पैसा अलग-अलग मिल रहा है, कोई ऐसा भी होगा जो दिन में दो बजे काम पर जाता होगा, तीन बजे वापस आ जाता होगा और शायद वो बाकी एक व्यक्ति जो सुबह 6:00 बजे जाता है शाम को 6:00 बजे आता है उससे 100 गुना ज्यादा पैसा कमा रहा होगा. जबकि अगर मेहनत से मिलता तो सबको समय के हिसाब से मिलना था. मतलब तूने एक घंटा मेहनत की 1000 रुपये, तूने दो घंटा की 2000 रुपये, तीन घंटा 3000 रुपये. लेकिन यहां अचानक से डॉली भाई के पास पैसा आता है. तो पैसा जो है वह होता है 'कोर प्रारब्ध'. प्रारब्ध का मतलब 'भाग्य'. जितना भाग्य में लिखा है उतना कैसे भी करके आपके पास आ जाएगा. आप ऐसे बैठ हैं जेब बंद करके फिर भी आ जाएगा. तो फिर आप कहेंगे तो क्या करें, छोड़ दे मेहनत करना. पहले ये समझो भाग्य क्या है? भाग्य पूर्व कर्म जो आपने पूर्व कर्म किए हैं उसके अनुसार आज पैसा मिल रहा है. आज अगर आप हाथ बांध करके बैठ गए तो फिर कल का भाग्य कैसे बनेगा. तो यह तो कभी बोल ही नहीं सकते, तो फिर हम बैठ जाए, जो किस्मत में आना होगा आ जाएगा. बिल्कुल जो किस्मत में आना होगा वह तो आ जाएगा लेकिन जो आगे आना होगा वह आज आप बंद करके थोड़ी बैठ सकते है. आज आपको उसके लिए पुरुषार्थ करना पड़ेगा और सबसे बड़ी बात पुरुषार्थ कहां करना है, तो पुरुषार्थ करना होता है धर्म में.

धर्म मतलब क्या पैसा मंदिर में दान करना पड़ता है, नहीं. आपका मतलब यह समझ लीजिए कि जैसे आपके परिवार में चार लोग हैं जैसे आप हो, आपकी बेटी है, आपकी वाइफ है, आपकी मम्मी है, आपके पापा है, आपका भाई है तो यह समझ लीजिए कि आप केंद्र बिंदु है. तो उन सबके प्रति आपका एक कर्तव्य बनता है ठीक है. जैसे मेरे मम्मी पापा है मान लो वो बूढ़े हो गए तो मेरा यह धर्म बनता है कि उनकी मैं सेवा करूं, समय पर उनको खाना दूं, खाने की पूछूं, उनकी बात सुनो, वो क्या कह रहे हैं और उनके मन को मैं कभी दुखी नहीं करूं यह मेरा कर्तव्य है. तो यहां पर मुझे मेहनत करनी पड़ेगी यह असली मेहनत होती है इसके फल स्वरूप पैसा बनने के रास्ते खुलते हैं, अदर वाइज हम कई बार बैठे रहते हैं मेहनत करने को तैयार है समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करूं. मतलब मैं मेहनत करने को तैयार हूं बिल्कुल भैया नहा-धोके के तैयार है, अब बताओ कहां चलना है पर रास्ता नहीं मिल पा रहा. कई बार आपने देखा होगा ना कि समझ नहीं आ रहा है क्या करूं, समझ क्यों नहीं आता है क्योंकि पुरुषार्थ सही जगह नहीं हुआ. सही जगह मतलब आपका माता-पिता के प्रति जो धर्म था वहां पे जो मेहनत थी वो मेहनत जैसे आपने देखा होगा ना कई बार ऐसा होता है कि किसी को ऐसा लगता है कि यार जैसे किसी की शादी हुई एक example ले रहे हैं और उसके मन में आया कि यार मुझे इनको भी, इनके लीए भी खाना बनाना, सास ससुर का भी बनाना, पति का भी बनाना, देवर का भी बनाना, तो एक काम करते हैं कैसे भी स्कीम लगा के और हम दोनों अलग हो गए. अब हम वहां से उस पुरुषार्थ से बच गए जिससे आगे पैसे आने के रास्ते खुलते थे उससे बच गए, क्योंकि वो एक धर्म था है ना. क्योंकि अब ऐसा है तो हमको निभाना था. वैसे ही जैसे बेटा है उसके कुछ धर्म है लेकिन उसने उनसे कैसे भी करके बचाव कर लिया तो वहां उसने मेहनत से बचाव कर लिया, वो मेहनत करनी थी नहीं कर पाया. तो हमेशा ध्यान रखिए कि जो आपके कर्तव्य है जो आपका धर्म है समाज को लेकर, पत्नी को लेकर, माता-पिता को लेकर, बच्चों को लेकर जैसे मैं हूं अब मेरी पत्नी है तो उसको लेकर जो भी मेरा धर्म बनता है कि मुझे उसका ध्यान रखना है, उसे जो भी उसकी आवश्यकता है उसकी पूर्ति करना या अच्छे से बात करना उसका मन नहीं दुखाना, लिखा हुआ है सब शास्त्रों में क्या है. तो जब मैं ये चीजें करता हूं तो यहां पर सही पुरुषार्थ होता है, मेहनत होती है यह मेहनत का काम है इसके थ्रू आगे आपके काम के रास्ते खुल जाते हैं अपने आप. आपका काम बढ़ जाता है आपके पास पैसा आ जाता है, काम बढ़ता है काम से पैसा आता है. तो सही पुरुषार्थ की जो डेफिनेशन है वह यह नहीं है कि जैसे मेरी जब जॉब लग जाएगी या मैं जॉब के लिए खूब मेहनत करूं, वह तो करना ही है जॉब के लिए जब आप मेहनत करेंगे तो उसमें जितनी मेहनत है उतना पैसा मिलेगा लेकिन जब आप सही जगह पुरुषार्थ करेंगे, सेवा करेंगे मतलब आपने देखा होगा कई जगह मंदिरों में आप जाते हैं तो वहां पर कोई आदमी है जो झाड़ू लगा रहा है मतलब वहां पर साफ है सफाई है लेकिन फिर भी झाड़ू लगा रहा है क्यों भैया? उसको मजा आ रहा है, वो जानता है उसके अंदर क्या चल रहा है 'सेवा भाव'. सेवा कर रहा है वो सही मेहनत हो रही है. कई बार निस्वार्थ भाव से जो लोग मेहनत करते हैं इसका भी फल मिलता है और इसका तो 10 गुना मिलता है.

तो इसलिए जो आपने देखा कि अचानक से किस्मत चमकी डॉली भाई की. डॉली भाई ने कुछ ना कुछ पूर्व जन्म में कहो या शायद इसी जन्म में. पर कुछ ना कुछ ऐसे कर्म जरूर किए होंगे जिसके परिणाम स्वरूप इस व्यक्ति के पास पैसा आ रहा है. हम यह नहीं कह सकते कि देखो यार जैसे कई बार ऐसा होता है ना हम तो इतनी मेहनत करके बैठे हैं, इतनी पढ़ाई करके बैठे हैं फिर भी कुछ नहीं हो रहा है और देख लो डॉली भाई को इस व्यक्ति ने क्या कर रखा है वह परमात्मा जानता है. बस तो यह चीज कहीं ना कहीं मुझे एहसास होता है इस व्यक्ति के कुछ ना कुछ ऐसे इससे कर्म बने होंगे और उस कर्म के परिणाम स्वरूप इसके पास अचानक से इस तरीके से पैसा आया. तो यह जो पैसा होता है यह कोर प्रारब्ध होता है और प्रारब्ध का मतलब होता है आपके ही द्वारा किए गए पूर्व में कुछ अच्छे कर्म. इसलिए कहते हैं अच्छे कर्म करते रहिए.

शादी होना कोर प्रारब्ध होता है (Life Changing Motivation)

शादी होना कोर प्रारब्ध होता है, जो आपके भाग्य में होगा वह जब समय आएगा तब आपके सामने आ जाएगा अपने आप आ जाएगा. शादी के लिए कभी मेहनत नहीं करनी पड़ती है, कई बार जैसे आजकल के बच्चों को ऐसा लगता है कि हमें मेहनत करनी पड़ेगी, ये हमें देखना पड़ेगा हमारे लिए कौन सही है कौन गलत है. वो आप अपने हिसाब से देखो लेकिन आप कितना ही कुछ भी कर लो पर जो व्यक्ति आपके नसीब में आना होगा आप कहीं ना कहीं उसी व्यक्ति को जाकर मिला दिया जाएंगे और आपको ऐसा लगेगा कि मैंने इसको पसंद किया. समझना Concept बहुत खतरनाक है मतलब कि जो आप से जिसकी शादी होनी थी कहीं ना कहीं वह आपके ऑफिस में आएगा ठीक है और आपकी उससे बातचित होगी आपको ऐसा लगेगा कि मुझे इससे लव हो गया है और फिर आप उससे प्रपोज करेंगे आपकी शादी हो जाएगी, आपको अंदर से लगेगा मैंने लव मैरिज करी, नहीं आपकी उसी से कहीं ना कहीं योग बन रहे थे, जो भी हुआ जैसे भी हुआ पर जिससे आपकी शादी हुई है उसी से होनी थी. इसलिए कभी भी जिंदगी में अपने जीवन साथी को कोसना नहीं चाहिए कि मुझे भगवान ने कैसा दिया, मुझे भगवान ने नहीं दिया. मेरे ही इस व्यक्ति के साथ कुछ पूर्व कार्मिक अकाउंट थे जो कि सेटल हुए हैं और मेरे जीवन में यही व्यक्ति आना था मेरे ही कर्मों के परिणाम स्वरूप. तो इसलिए जो जीवन साथी है उसे कभी नहीं कोसना.

जो आपके पास पैसा आ रहा है उसे भी कभी नहीं कोसना क्योंकि जितना आपके नसीब में आना है वो कैसे भी करके रास्ते खुल जाएंगे आ जाएगा लेकिन उसके लिए आपको पुरुषार्थ करना पड़ेगा मेहनत करनी पड़ेगी और मेहनत अपने काम में तो आप करते रहिए जैसे आपका जो भी काम है जो आप करते हो उसके लीए मेहनत किजिए लेकिन इसी के साथ जो मेरा धर्म है पिता के प्रति, पत्नी के प्रति, बच्चों के प्रति, मम्मी के प्रति, भाई के प्रति वो वो मैं अगर अच्छे से निभाऊंगा तो उसके परिणाम स्वरूप मेरे आगे धन आने के रास्ते खुलेंगे यह है लॉजिक. समझ में आ गया हो तो अच्छी बात है, तो पुरुषार्थ कहां करना धर्म में, धर्म मतलब आपका जो कर्तव्य है समाज को लेके, लोगों को लेकर मतलब आपका जन्म जो हुआ है वो केवल इसलिए नहीं हुआ है कि खाओ पियो, लड़ाई झगड़ा करो, रात को सो जाओ फिर उठो इसको गाली दो उसको गाली दो इसकी बुराई करो, इससे इर्षा करो, उससे जलन करो फिर सो जाओ नहीं, क्योंकि आपको भगवान ने अगर इंसान बनाया है तो जैसे आप भगवान से एक्सपेक्टेशन रखते हैं कि हे भगवान मेरा अच्छा कर दो वैसे ही जो लोग आपसे एक्सपेक्टेशन रखते हैं. तो कम से कम आप अगर उनकी एक्सपेक्टेशन पूरी करेंगे, आपके घर वाले रखते हैं आपसे, तो भगवान आपकी निश्चित रूप से करेगा. तो इसलिए यह आप कभी ये नहीं कह सकते, कई बार हम ऐसा मैंने जैसे सुना था कि 'घोड़े को मिल नहीं रही घास और गधे खा रहे चवन प्रास'. ऐसा नहीं है वो हम देख रहे हैं ऐसा बिल्कुल नहीं है वह तो हम सोच रहे हैं ऐसी लाईन कहीं ना कहीं लिखी हुई थी हमने पढ़ लिया. लेकिन वास्तविकता में देखा जाए तो उस व्यक्ति के कुछ ऐसे पूर्व कर्म रहे होंगे जिससे मतलब मेहनत रही होगी ऐसी, जिसके परिणाम स्वरूप उसे आज अचानक से एकदम से पैसा मिल जाता है, फेम मिल जाता है और वो व्यक्ति आगे बढ़ जाता है.

Conclusion : तो आई होप कि आपको मेरी बात समझ में आई होगी इसलिए अच्छे कर्म करते रहे. तो पैसा और शादी ये दोनों आपके पूर्व कर्मों के अनुसार सही समय पर आपके पास आ जाएंगे. अभी आप नए कर्म करते रहिए यह कर्म जाके फिर संचित होंगे फिर इसका प्रारब्ध बनेगा आगे फिर आज जो आप कर रहे हैं इसका आपको आगे मिलेगा. कल जो आपने किया था उसका भी आपको मिल रहा है यह है लॉजिक ठीक है.


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