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mahabharat evidence in hindi : महाभारत का युद्ध सच में हुआ था इसका ठोस सबूत क्या है? इसका प्रबल संकेत देने वाला सबूत जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे!

mahabharat evidence in hindi : निरंतर मिलने वाले पुरातत्त्विक और वैज्ञानिक प्रमाणों ने लोगों को अपनी विचारधारा को पुनः आकलन करने के लिए प्रेरित किया है। आज हम महाभारत से संबंधित 11 ऐसे प्रमाणों का अवलोकन करेंगे, और उसके बाद निर्णय लेना आपके हाथ में होगा कि क्या महाभारत वास्तव में घटित हुआ था।


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mahabharat evidence in hindi : महाभारत का युद्ध सच में हुआ था इसका ठोस सबूत क्या है? इसका प्रबल संकेत देने वाला सबूत जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे!

mahabharat evidence in hindi


1. कुरुक्षेत्र – (mahabharat evidence in hindi)

यह सामान्य ज्ञान है कि महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ था, जो वर्तमान में हरियाणा राज्य में स्थित है। यह मान्यता है कि उस समय विनाशकारी युद्ध में बहे खून के कारण वहां की धरती लाल हो गई थी। पुरातत्त्व विशेषज्ञों ने स्वीकार किया है कि महाभारत की घटना वास्तव में हुई थी, क्योंकि उस स्थल पर लोहे के बने तीर और भाले जमीन में मिले हैं। इनकी जांच करने पर इन्हें 2800 ई.पू का माना गया है, जो कि संभवतः महाभारत के काल के ही हैं।


2. खगोल विज्ञान का उल्लेख –(mahabharat evidence in hindi)

महाभारत के उद्योग पर्व के अनुसार, महाभारत के युद्ध से कुछ समय पहले भगवान् श्री कृष्ण हस्तिनापुर पहुंचे थे। उस समय चन्द्रमा रेवती नक्षत्र में था। हस्तिनापुर जाते समय, कृष्ण भगवान् ने एक स्थल पर विश्राम किया था, जिसे वृक्षथला कहा जाता है। और उस दिन चन्द्रमा भरानी नक्षत्र में था, जिस दिन दुर्योधन ने कृष्ण भगवान् के सभी प्रयासों को अनदेखा कर दिया था। उस समय चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में था। भारतीय खगोलीय गणना के अनुसार, हमें उस समय की घटनाओं की तारीखों का पता चल चुका है, जिस दिन ये सभी घटनाएं हुई थीं।

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3. वर्तमान के परमाणु हथियार – (Nuclear Weapon) (mahabharat evidence in hindi)

mahabharat evidence in hindi : महाभारत का युद्ध सच में हुआ था इसका ठोस सबूत क्या है? इसका प्रबल संकेत देने वाला सबूत इसे जानकर आप चौंक जाएंगे!

महाभारत में आपने ब्रह्मास्त्र नामक भयानक अस्त्र के बारे में अवश्य सुना होगा। यह अस्त्र धर्म और सत्य की स्थापना के लिए ब्रह्मा द्वारा निर्मित एक अत्यंत विनाशकारी परमाणु हथियार था। इसे एक अचूक और भयावह अस्त्र माना जाता है, जिसे केवल दूसरा ब्रह्मास्त्र ही निरस्त कर सकता है, और जिसने इसे छोड़ा है, वही इसे वापस लेने की क्षमता रखता है। रामायण में भी, जब लक्ष्मण ने मेघनाद पर ब्रह्मास्त्र का प्रहार करने की कोशिश की, तो भगवान् श्रीराम ने लक्ष्मण को इस बात पर रोक दिया कि अभी इसका उपयोग करना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे पूरी लंका नष्ट हो जाएगी और निर्दोष लोगों की जान चली जाएगी। इस प्रकार, यह अस्त्र रामायण और महाभारत के काल में केवल कुछ चुनिंदा योद्धाओं के पास ही होता था। रामायण में यह अस्त्र लक्ष्मण और विभीषण के पास था, और महाभारत में यह द्रोणाचार्य, अश्वथामा, कृष्णा, युधिष्ठिर, कर्ण, प्रद्युमन और अर्जुन के पास था। यह अस्त्र पूरी दुनिया को नष्ट करने की शक्ति रखता है।

आधुनिक युग में, J Robert Oppenheimer ने गीता और महाभारत का गहरा अध्ययन किया, और यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका ने इसी वैज्ञानिक J Robert Oppenheimer को परमाणु बम निर्माण का कार्य सौंपा था। उन्होंने महाभारत काल के ब्रह्मास्त्र अस्त्र की विनाशक क्षमता पर अनुसंधान किया और अपने मिशन का नाम ‘Trinity’ रखा।

फिर, Robert Oppenheimer के नेतृत्व में, 1939-1945 के बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस परियोजना पर काम करना शुरू किया, और 16 July 1945 को इसका पहला परीक्षण किया गया। और विस्फोट का परिणाम कुछ ऐसा ही था जैसा पौराणिक ग्रंथों में ब्रह्मास्त्र के बारे में बताया गया था। इससे सभी परमाणु वैज्ञानिक इस बात को स्वीकार करते हैं कि वास्तव में महाभारत में ब्रह्मास्त्र, जिसे हम आज परमाणु बम कहते हैं, का प्रयोग हुआ था। इस घटक बम के सफल परीक्षण करने के बाद, J Robert Oppenheimer गीता का श्लोक पढ़कर रो दिए थे। जिन्होंने आज के परमाणु बम का आविष्कार किया, वे वैज्ञानिक स्वयं इस बात को मानते हैं कि महाभारत हुआ था, और हमारे देश के कुछ धर्म विरोधी लोग हमारे इस महान इतिहास और धर्मयुद्ध को केवल एक कहानी मानते हैं। (Watch and Download Oppenheimer Hindi Dubbed Movie)


4. महाभारत का छंदों में निर्माण –(mahabharat evidence in hindi)

यह गलत होगा कि महाभारत में लिखित लेख काल्पनिक हैं। लोग इसे इसलिए सोचते हैं क्योंकि उन्हें लेखन की प्रक्रिया कविता की तरह प्रतीत होती है। और उन्हें पढ़ने पर वो एक कविता की तरह अनुभव होता हैं। लेकिन उस समय की परंपरा थी कि हर विषय को कविता के रूप में ही लिखा जाता था। इसके अलावा, गणित, यानी गणित के सूत्रों को भी कविता की तरह लिखा गया था।                                                      


5. अंगदेश की पुष्टि –(mahabharat evidence in hindi)

कुंती के सबसे वरिष्ठ पुत्र दानवीर कर्ण अंग देश के सम्राट थे। जिसे उन्हें दुर्योधन ने उपहार के रूप में दिया गया था। उस समय का अंगदेश आज उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रूप में जाना जाता है। साथ ही, जरासंध ने अपने राज्य के कुछ हिस्सों को कर्ण को देने की बात भी कही जाती है, जो आज बिहार के मुंगेर और भागलपुर जिलों के रूप में जाने जाते हैं। वहीं, जिसे हम आज दिल्ली कहते हैं, वह महाभारत के समय में इन्द्रप्रस्थ के नाम से जानी जाती थी। तो ये स्थल काल्पनिक नहीं हैं, सैकड़ों स्थल ऐसे भी हैं जिनका नाम महाभारत के समय भी वही था जो अब है, जैसे द्वारका, कुरुक्षेत्र, बरनावा, हिडिम्बा आदि।


6. चक्रव्यूह पत्थर की सत्यता –(mahabharat evidence in hindi)

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की सोलह सिंगी धार के निचले हिस्से में स्थित राजनौण गांव को एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है। सामान्य मान्यता के अनुसार, पांडव अज्ञातवास के समय यहां ठहरे थे। अज्ञातवास के दौरान, अर्जुन ने चक्रव्यूह का ज्ञान प्राप्त करने के बाद उसे पत्थर पर उकेरा, जो आज भी मौजूद है। इस चक्रव्यूह को सम्पूर्णतया देखने पर, इसमें अंदर जाने का मार्ग स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, लेकिन बाहर निकलने का मार्ग नहीं दिखाई देता। एक खंडहरनुमा महल के पास यह चक्रव्यूह स्थित है, जिसे पिपलु किले के नाम से जाना जाता है। अर्जुन ने यहाँ अपने अन्य भाइयों को चक्रव्यूह का ज्ञान दिया था।


7. लाक्षागृह का महत्व -(mahabharat evidence in hindi)

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महाभारत के इतिहास में 'लाक्षागृह' का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह एक भवन था जिसे कौरवों ने लाख से निर्माण करवाया था, उनका उद्देश्य पांडवों को इसमें जला देना था। हालांकि, पांडवों ने एक सुरंग के माध्यम से बाहर निकलकर अपने आप को बचा लिया था। यह भवन वार्णावत (अब बरनावा) नामक स्थान पर स्थित था।


8. श्रीमद्भगवद्गीता की गहराई –(mahabharat evidence in hindi)

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श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ने वालों को यह अच्छी तरह से मालूम होगा कि इसमें अधिकतर श्लोक दो-दो पंक्तियों में लिखे गए हैं। यदि आप किसी भी एक श्लोक को पढ़ें और समझें, तो यह श्लोक बहुत ही संक्षिप्त शब्दों में बहुत अधिक ज्ञान प्रदान करते हैं, मानो गागर में सागर हो। और जितनी गहराई से बातें इसमें लिखी गई हैं, वह बातें किसी सामान्य व्यक्ति द्वारा नहीं कही जा सकती। मानव सभ्यता ने आज बहुत विकास कर लिया है, लेकिन आज भी गीता में जो ज्ञान है, वह अकल्पनीय और अद्वितीय है, जिसे केवल एक महान व्यक्ति या भगवान् ही कह सकते हैं, वह एक सामान्य व्यक्ति के दिमाग की समझ से परे होता है। और यह इस बात का प्रमाण है कि भगवान् श्रीकृष्ण थे और उन्होंने गीता का संवाद अर्जुन के साथ किया, इसलिए अर्जुन भी थे, और अर्जुन थे तो पांडव भी थे, और पांडव थे तो महाभारत भी हुई थी।"


9. द्वारका की वास्तविकता –(mahabharat evidence in hindi)

हम सभी जानते हैं कि भगवान् श्री कृष्ण द्वारका के सम्राट थे। महाभारत में यह उल्लेखित है कि यह नगरी जलमग्न हो गई थी। गुजरात के समुद्र के तल में पुरातत्व विभाग को एक प्राचीन शहर मिला है, और उसके प्रमाण यह दर्शाते हैं कि यह वही द्वारका नगरी है जिसका उल्लेख महाभारत में किया गया है। समुद्र में मिले इन अवशेषों से यह स्पष्ट होता है कि द्वारका कोई काल्पनिक शहर नहीं था, बल्कि यह एक वास्तविक शहर है।


10. जरासंध (अखाड़ा) -(mahabharat evidence in hindi)

महाभारत को पढ़ने या देखने वाले लोग जरासंध के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, जो महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। उनकी मृत्यु शक्तिशाली भीम द्वारा की गई थी। जरासंध मगध देश के राजा थे। पुरातत्व विभाग ने बिहार के राजगीर जिले में एक अखाड़ा पाया है, जो वही स्थान है जहां भीम ने जरासंध को मारा था। आज के समय में, यह स्थल पर्यटकों के लिए रोचक है और एक प्रमुख आकर्षण बन गया है।


11. व्यापक राजवंश -(mahabharat evidence in hindi)

महाभारत के राजवंश की शुरुआत राजा मनु से होती है, और इस ग्रन्थ में 50 से अधिक वंशों का विस्तृत वर्णन किया गया है। धृतराष्ट्र और पांडु इन्हीं वंशों के थे। यदि महाभारत केवल एक कथा होती, तो लेखक शायद ही 5 या 10, या यदि वह बहुत बुद्धिमान होता, तो 15 वंशों का वर्णन कर पाता। लेकिन यहाँ तो 50 से अधिक राजवंशों का वर्णन किया गया है। इतने सारे राजवंशों की कहानियाँ और उन्हें एक ही किताब में संग्रहित करना, केवल एक काल्पनिक कहानी के आधार पर, बिलकुल संभव नहीं है।

और अभी तक अनगिनत सबूत मिल चुके हैं जो यह स्थापित करते हैं कि महाभारत हमारे सच्चा वास्तविक इतिहास का हिस्सा है। अफगानिस्तान से अरुणांचल प्रदेश, और श्रीलंका से तिब्बत तक, आपको हर जगह महाभारत के प्रमाण मिलेंगे।

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