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Constipation in Hindi : शरीर की हर बीमारी का गुप्त कारण: Constipation का सच.

Constipation in Hindi : आज हम इस आर्टिकल में बताने वाले है कॉन्स्टिपेशन (कब्ज) के बारे में, क्योंकि देखा जा रहा है कि इंडिया या फिर देश में पूरे वर्ल्ड में हर चौथे इंसान को कॉन्स्टिपेशन है. आजकल 99.9% लोगों को Constipation है लेकिन उनको पता भी नहीं होता वो कहते हैं जी मोशन तो मेरे को हो रहा है, अगर आप लोगों को भी कभी लगता है कि मुझे हार्ड स्टूल आ रहा है तो भी Constipation है, अगर आपको ऐसा लग रहा है कि मुझे बहुत ज्यादा पतला मोशन आ रहा है, तो भी यह कब्ज (Constipation) की समस्या है. आप लोगों को यह बीमारी होती क्यों है इसके क्या क्या कारण है आज हम इस आर्टिकल में Detailed में बताएँगे.

Constipation in Hindi : शरीर की हर बीमारी का गुप्त कारण: Constipation का सच

Constipation in Hindi

सबसे पहला कारण है डेड फूड खाना, डेड फूड खाते हैं तो अंदर जाकर हमारी जो आते हैं वो वर्क ही नहीं कर पाती है. जब हम जिंदा भोजन खाएंगे, जब हम फाइबर खाएंगे, जब हम अल्कलाइन खाएंगे तो हमारी आते वर्क करती है. वरना जो डेड फूड है, फास्ट फूड है वह अंदर से निकलने के लिए हमारा डिजाइन नहीं किया गया, पेट जो हमारे इंटेस्टाइन है वो इस तरह से डिजाइन की गई है कि वो जिंदा भोजन को ही एक्सेप्ट करती है. मैदे जैसी चीजें, बिस्किट जैसी चीजें, ब्रेड जैसी चीजें पेट के अंदर जाकर जम जाती हैं. हमारी इंटेस्टाइन के अंदर 27 फीट लंबी जो हमारी आते हैं वो इतनी छोटी सी जगह में गोल गोल करके छोटी सी जगह में सिस्टम में एडजस्ट है, अगर आप किसी पदार्थ में मैदे जैसी चीज मिलाकर इसे आंतों के अंदर डालना शुरू करते हैं, तो आंतों के अंदर एक लेयर बनने लगती है. यह लेयर धीरे-धीरे जमने लगती है. जैसे ही यह जमना शुरू करती है आप देखेंगे कि आपकी आंतों की सतह पर एक मोटी परत जमा हो गई है. यह परत जमने के साथ-साथ फर्मेंटेशन (खमीर बनने की प्रक्रिया) शुरू कर देती है, फर्मेंटेशन शुरू होने के बाद वहां पर गैस्ट्रिक बनना शुरू हुआ, गैस एसिडिटी, कभी-कभी आपको ब्लोटिंग होगी, कभी-कभी आपको एसिडिटी होगी, कभी-कभी पेट में फुलावट रहेगी, पेट में हल्का-हल्का सा मीठा मीठा कभी दर्द हो जाएगा शुरू यहां से शुरुआत होती है सारे रोगों की, इवन कैंसर तक की भी शुरुआत Constipation से होती है इतना बड़ा सच है. किसी को डायबिटीज है तो याद करो कि आपका बचपन में पेट डिस्टर्ब रहा होगा और पेट डिस्टर्ब रहता तभी है जब हमारे पेट के अंदर भोजन सड़ता है फर्मेंटेशन होती है, गैस्ट्रिक होती है.

हमारे शरीर के अंदर अगर चक्कर आ रहा है, कमजोरी आ रही है, थकावट है तो क्या है मल जमा हुआ है. आयुर्वेद भी यही कहता है 'सर्व रोगा नाम निदानम कुपिता मला' और प्राकृतिक चिकित्सा भी यही कहती है. प्राकृतिक सिद्धांत को ठीक समझिए, आज एक शरीर है एक रोग और होता एक इलाज पेट को साफ करो तुम. सबसे से पहले कुछ दिन का उपवास करो तुम, उपवास काल में नहीं कुछ खाओ पियो, रस नींबू और शहद डाल पानी पियो, रोग की टूटे कमर दर्द कम हो जाएगा बस्ती कर्म से पेट साफ जब हो जाएगा. पेट साफ तो सब गुनाह माफ इतनी बड़ी बात है जिसको आज तक लोगों ने समझा नहीं है. आपको अर्थराइटिस है, आपको जोड़ों में दर्द है, आपको स्किन डिजीज है, आपको हार्ट की प्रॉब्लम है, आपको किडनी की प्रॉब्लम है, आपको इंटेस्टाइन की प्रॉब्लम है जो भी कुछ शरीर में बीमारियां है वह इसीलिए हैं कि हमारे जो शरीर के निष्कासक अंग है या शरीर से गंदगी को निकालने वाले अंग हैं वह प्रॉपर वर्क नहीं कर रहे और सबसे पहला हमारी शरीर की गंदगी को निकालने का अंग है इंटेस्टाइन हमारी आते.

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आज आपको इतना बड़ा सच बताने वाले हैं जिसे सुनके आप हैरान रह जाएंगे, आतो की उपेक्षा ही मृत्यु का कारण है. 'कॉलन नेगलेक्ट द कॉज ऑफ डेथ कॉलन इरिगेशन द फर्स्ट इंप्लीमेंटेशन' एक इंसान मरता कब है जब उसकी आतें वर्क करना बंद कर देती हैं. हमारी सांसे आनी कब बंद होती है जब पेट जाम लगता है, जब इंटेस्टाइन से प्रॉपर फंक्शन नहीं होता तो हमारे लंग्स काम करना बंद कर देते हैं हमारा हार्ट फेलियर होता है और वहीं से इंसान मरता है. 'कॉलन नेगलेक्ट द कॉज ऑफ डेथ कॉलन इरिगेशन द फर्स्ट इंप्लीमेंटेशन'. आंतों की सफाई उपचार का पहला तरीका है, जब भी आपको कोई बीमारी हो सबसे पहले काम यही करें कि अंदर की सफाई शुरू कर दे, ऊपर से खाना बंद निकालना शुरू इंटेस्टाइन की क्लींजिंग. लेकिन आजकल इंटेस्टाइन की क्लींजिंग के नाम पर मार्केट में तरह-तरह के प्रोडक्ट है, यह दवाई खालो तो पेट साफ हो जाएगा, यह चूरन खालो तो पेट साफ हो जाएगा, यह हाजमोला खालो तो पेट साफ हो जाएगा, यह थोड़ा सा इनो खालो तो पेट साफ हो जाएगा क्या वास्तव में यह सब चीजें वर्क करती है क्या? आज इस बात को समझना बहुत जरूरी है कि ऊपर से कोई भी चीज खाने वाली जब आप खा कर के पेट साफ करते हैं तो क्या होता है, हमारे अमाशय के अंदर जो हमारे लेफ्ट साइड में अमाशय होता है जिसे हम पेट बोलते हैं जठ रागनी होती है, जठ रागनी जल रही है आग जल रही है उसमें खाना पच रहा है उसमें डाइजेस्टिव जुसेस तैयार हो रहे हैं, हमने ऊपर से कोई चूरन खा लिया, यह आजकल मैंने सुन रखा है नाम इसका कायम चूर्ण बहुत जबरदस्त खतरनाक चीज है और लोग अक्सर ऐसे एडिक्टेड हो रहे हैं इसके कि कायम चूर्ण खाये बिना उनको अगले दिन मोशन ही नहीं होता. कितने चूर्ण चटनी हम खाते रहते हैं पेट साफ करने के लिए खा रहे हैं, कोई भी पेट साफ करने की चीज रेगुलर इस्तेमाल करोगे आपकी आंते हमेशा के लिए वीक हो जाएंगी हमेशा के लिए ठप हो जाएंगी.

समाधान क्या है? (Constipation in Hindi)

ऐसा कभी न करें कि पेट साफ करने के लिए किसी चूर्ण या चटनी का सहारा लें. जो हमारा कॉलन में जाम लगता है वो लगता है नीचे अपेंडिक्स के पास छोटी सी जगह पे और हम लोग साफ कर रहे हैं ऊपर अमाशय के अंदर, जबके अमाशय में डाइजेस्ट जुसेस को वो डिस्टर्ब कर रही है खाने की चीज, वहां तो खाना पच रहा है वहां अग्नि जल रही है लेकिन अग्नि को हमने कोई चीज खाके डिस्टर्ब कर दिया अब वहीं से हमारा डाइजेशन स्लो हो जाता है. जब हम यह सब चीजें खाने लग जाते हैं आप त्रिफला खा रहे हैं, आप कायम चूर्ण खा रहे हैं, आप हाजमोला खा रहे हैं, आप इनो खा रहे कितनी भी सेफेस्ट चीजें हैं जो पेट को साफ करने वाली हार्मफुल है पेट के लिए हमारे डाइजेशन के लिए हमारे इंटेस्टाइन के लिए. अगर पेट में Constipation है सबसे सेफेस्ट तरीका है एनीमा करना प्लेन वाटर से बिल्कुल ताजा पानी से ठंडे नॉर्मल पानी से यह सेफेस्ट तरीका है पेट को साफ करने का. क्योंकि इसमें हम अमाशय को या पेट को डिस्टर्ब नहीं करते जहां पर जाम नीचे लगा हुआ है जहां पर कचरा जम रहा है, मल नीचे है उपर तो हमारा पेट में भोजन पड़ा हुआ है खाने का डाइजेशन चलता है, हमें पेट को साफ नहीं करना हमें इंटेस्टाइन को साफ करना है, हमें बड़ी आंत को साफ करना है छोटी आंत को डिस्टर्ब नहीं करना. तो ये जो हम कोई चीज नीचे से डाल कर के पानी इंसर्ट करके एनीमा करवाते हैं नेचरोपैथी के अंदर ये सबसे सेफेस्ट तरीका है पेट की सफाई का. ऊपर से विरेचन भी करवाते हैं ऐसा नहीं है कि विरेचन नहीं करवाते, विरेचन का मतलब होता है कोई चीज पिला कर के पेट की सफाई करना लेकिन उसमें अगर हम तेज चीजें, बहुत ज्यादा नमक वाली चीजें, बहुत ज्यादा जुलाब वाली चीजें, या हमारे इसके अंदर बड़ा अच्छा एक चूर्ण होता है जिसको हम बोलते हैं सनाय पत्ती. यह जो सनाय पत्ती है ऑलमोस्ट सारे के सारे जितने भी पेट साफ करने के चूर्ण है सबके अंदर होती है यह सनाय पत्ती आपकी आंतों को काट देगी अंदर से और पूरा खराब कर देगी और आपकी आंतों को हमेशा के लिए वीक कर देगी. जितने भी चूर्ण चटनी है सबके अंदर सनाय पत्ती होती है और सनाय पत्ती पेट के लिए हार्मफुल है. कभी-कभी रेयरली छे महीने में साल भर में आपने एक आध बार कोई ऐसी चीज ली है तो उसका कोई नुकसान नहीं है लेकिन अगर आप उसको एडिक्शन बना ले कि बिना चूर्ण के पेट ही साफ नहीं होता. एनीमा भी कर रहे हैं तो एनीमा का भी एडिक्शन नहीं लगाना आपने 10 दिन 15 दिन महीना दो महीने तीन महीने करके उसको भी छोड़ना है बंद करना है. त्रिफला चूर्ण सेफ है लेकिन उसको भी आपने दो-तीन महीने लेकर बंद करना है. कोई भी चीज को यूज्ड टू नहीं करना उससे क्या होगा आपकी बॉडी को उसकी आदत पड़ जाएगी अब आपका नेचुरली पेट साफ होगा ही नहीं. जब आप रोज चूर्ण खा रहे हो एक दिन नहीं खाओगे आपका पेट नहीं साफ होगा, जिस दिन आप एनीमा करते हैं, अगर अगले दिन आपका पेट साफ नहीं होता है, तो आपको थोड़े समय के लिए इसकी सहायता लेनी पड़ सकती है। लेकिन इसके बाद इस आदत को भी छोड़ देना है।

पेट नेचुरली कैसे साफ करे (Constipation in Hindi)

हमें पूरे दिन भर की डाइट में 80% कच्चा भोजन खाना है, जो भी व्यक्ति 80% पर raw फूड नहीं खाएगा उसको Constipation होगा ही होगा. आपने कभी इतना सा बिस्किट का टुकड़ा खाया होगा जैसे हम छोटे बच्चों को जो एक साल के होते हैं उनके हाथ में बिस्किट पकड़ा देते हैं वह बिस्किट का टुकड़ा अक्सर उनके मुंह में चिपक जाता है, तुरंत आपके हाथ मुंह के अंदर जाता है आप उसको निकालने की कोशिश करते हो कि मेरे अंदर मुंह में बिस्किट का टुकड़ा फस गया, यही काम जब हम बिना फाइबर वाली रोटी खाते हैं white कलर की रोटी गेहूं की रोटी जो आप घरों में नॉर्मल खाते हो वो भी मुंह में चिपकती है. ब्रेड जो आप खा रहे हो वो भी मुंह में चिपकता है और मैदे की तो कोई भी चीज चाहे पास्ता हो, मैगी हो यह सब चीजें जो फास्ट फूड है तो सारी की सारी चिपकती है. जो चीज मुंह में चिपके गी वह इंटेस्टाइन में चिपके गी, मुंह में तो आप ब्रश घुमा लेते हो अगले दिन आपने कहा मैंने ब्रश कर लिया अब मेरे मुंह के अंदर कुछ नहीं चिपका हुआ, वही सेम चीजें हमारी इंटेस्टाइन के अंदर चिपक गई और इंटेस्टाइन में जब यह चिपकती है, यह आप निचे तस्वीर में देख रहे हो 

Constipation in Hindi : शरीर की हर बीमारी का गुप्त कारण: Constipation का सच


जो हमारी इंटेस्टाइन है पूरा आप देख पा रहे हो तो लार्ज कॉलन है और बीच में हमारे स्मॉल कॉलन है. यह इंटेस्टाइन पूरी की पूरी इसमें आपको लग रहा है कि काफी जगह है स्पेस है निकलने का लेकिन नेचुरल तरीके से अगर हम देखें ना इसमें इतनी थोड़ी सी जगह बसती है मल के निकलने की, बाकी यह पूरी की पूरी कॉलन आपकी भरी हुई है मल से और यही मल फिर फर्मेंटेड होकर के जहां पर भी जा रहा है वहां रोग क्रिएट कर रहा है. इधर लीवर की तरफ गया लीवर को फैटी कर दिया, इधर पीछे की तरफ किडनी है किडनी में गया तो किडनी खराब कर दी उसने, यहां पे ऊपर जा रहा है पैंक्रियास की तरफ तो यह हमारा पैंक्रियास खराब हो रहा है और लंग्स की तरफ जा रहा है तो हमें यहां पे भी चेस्ट में कंजक्शन क्रिएट हो रहा है. ये जो हमारा इंटेस्टाइन है पूरा मल से भरा हुआ है, यहां से जब हम पानी को इंसर्ट करते हैं तो ये निकल पाता है. स्वस्थ आंतों की फोटो है ये, बीमार आंते चिपकी हुई मिलेंगी आपको जगह-जगह से चिपकी हुई मिलेंगी और उसमें बीच में से मल के निकलने की जगह बहुत थोड़ी सी बची होगी बाकी पूरी की पूरी आतें हमारी मल से भरी रहती हैं.

एक अमेरिका की रिसर्च कहती है कि एक इंसान जब मर गया और उसका पोस्टमार्टम किया गया तो आंतों के अंदर से कीड़े निकले इतना मल सड़ा हुआ था और वो मल कटा नहीं इतना हार्ड स्टूल हो रहा था पेट के अंदर. जो मल है इतना ज्यादा हार्ड हो जाता है कई बार तो उसके लिए कॉलन हाइड्रोथेरेपी ट्रीटमेंट करवानी लगती है तब भी मल बाहर नहीं निकल पाता. तो कहने का मतलब यह है आजकल 99.9% लोगों को Constipation है लेकिन उनको पता भी नहीं होता. वो कहते हैं जी मोशन तो मेरे को हो रहा है, वो रोज मोशन जाते तो हैं लेकिन उतनी क्वांटिटी में नहीं होता जितना हम खा रहे हैं. खाते कितनी बार है सुबह खा रहे हैं, दोपहर में खा रहे हैं, शाम को खा रहे हैं लेकिन मोशन केवल एक बार हो रहा है, और वह भी या तो बहुत पतला हो रहा है या फिर बहुत सख्त हो रहा है. एक स्टूल का एक हमारा बंधा हुआ स्टूल होना चाहिए जिसमें ना तो चिपचिपा पन होना चाहिए ना स्मेल होनी चाहिए और बहुत इजली बिल्कुल प्रेशर नहीं लगाना पड़े आपको टॉयलेट की सीट पे, आप ऐसे जाके आओ जैसे आपने टॉयलेट किया हो मतलब आप मोशन जा रहे हो आप स्टूल पास आउट कर रहे हो लेकिन आपको ऐसा कंफर्ट जोन में बैठ के करें जैसे कि आपने टॉयलेट किया हो आपको ऐसा ना लगे कि मुझे जोर लगाना पड़ रहा है, अगर आप जोर लगा रहे हो इट मींस आप पाइल्स को न्यौता दे रहे हो, आप फिस्टुला को न्यौता दे रहे हो, आप अपने पेट के अंदर अल्सर क्रिएट कर रहे हो. तो ये जो प्रेशर वाला जो हमें पोटी आती है यह बहुत हार्मफुल चीज है. अगर आप लोगों को भी कभी ऐसा लगता है कि मुझे हार्ड स्टूल आ रहा है तो भी Constipation है, अगर आपको ऐसा लग रहा है कि मुझे बार-बार पतला मोशन हो रहा है, तो भी यह कब्ज (Constipation) है. कई लोग कहते हैं जी मैं तो दिन में पांच बार जाता हूं अब यह पांच बार जाने वाले को भी Constipation है. वह यह सोच रहा है कि मेरे पेट में तो ओवर सफाई हो रही है मेरा पेट तो ठीक है लेकिन वह पांच बार जाने वाला भी कॉन्स्टिपेटेड है, वो जो हार्ड स्टूल आ रहा है जो व्यक्ति तीन बार खाना खा रहा है लेकिन केवल एक बार मोशन जा रहा है, उसे भी Constipation है. Constipation की इतनी ज्यादा वैरायटी है जिसको अगर डिस्क्राइब करने जाए तो सुबह से शाम हो जाएगी.

अब इसका समाधान समझ लो (Constipation in Hindi)

हमारे यहां सुबह का शाम का खाना होता था, लेकिन अब क्या हो गया है सुबह ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर बीच में स्नैक्स का टाइम, बीच में छोटे-छोटे मिल्स लेने का तो टाइम ही नहीं रहा वो तो कई बार हो जाता है इसको हम कहते हैं फाल्स हंगर. यह हमारा ट्रेडिशन ही नहीं था, हमारे इंडियन्स का ट्रेडिशन था सुबहे और श्याम भोजन करेंगे बीच में पांच छह घंटे का लंबा गैप करेंगे उस गैप के बीच में पानी पीते रहेंगे, हमारा पेट साफ शाम को होगा देन दूसरा खाना खाएंगे ये तरीका था भोजन का और हमारा बैठने का. इंडियन टॉयलेट खत्म हो चुके है, वेस्टर्न टॉयलेट में अगर आप टॉयलेट जाते हो तो आपको Constipation होगा पहला रीजन. आप पका हुआ भोजन ज्यादा खाते हैं, मैदे की चीजें ज्यादा खाते हैं फाइबर फूड कम खाते हैं, आटे में से चोकर निकाल के फेंक देते हैं और उसके बाद उसकी बारीक आटे की रोटी खाते हैं आपको Constipation होगा. ब्रेड, जैम, सॉस, अचार, पापड़ यह सब खाते हैं आपको Constipation होगा ही होगा. मुंह में ब्रश घुमा लिया लेकिन आंतो में ब्रश कौन करेगा. लोग यह सोचते ही नहीं कि आंतों को भी हमें साफ करने की जरूरत पड़ती है इसी को डिटॉक्स बोलते हैं असली डिटॉक्स तो यही है हमें अपनी इंटेस्टाइन की जो क्लींजिंग करनी है. आपने देखा होगा आजकल बड़ी ऐड आ रही है पैर के नीचे कोई एक पैच लगा दिया जाता है वो बॉडी को डिटॉक्स कर देता है. तरह-तरह की चीजों को डिटॉक्स करने के लिए कोई टेबलेट खा कर के लोग डिटॉक्स कर रहे हैं बॉडी को लेकिन डिटॉक्सिफिकेशन के यह मायने नहीं है, डिटॉक्सिफिकेशन का मतलब यही है कि एक दो तीन दिन का उपवास करना है आपको. और उपवास में सिवाय पानी के कुछ नहीं पीना है, नीचे से बस्ती क्रिया एनीमा के द्वारा पेट की सफाई, ऊपर से पानी पी कर के अपने अमाशय को एसिड से रहित कर दिया और दो-तीन दिन आपने सफाई कर ली. घर में जब भी आपको शरीर टूट रहा हो, सिर में दर्द आ रहा हो तो आपने खाना बंद करके या तो लिक्विड डाइट पे रह लो. अगर आप पानी पे नहीं रह सकते प्लेन वाटर पे नहीं रह सकते तो आपने जूस पीना है मौसमी का, नारियल पानी, पत्तों का जूस, हरी सब्जियों का जूस यह आप पूरे दिन भर लेते रहे, नेक्स्ट डे फिर जूसी फ्रूट जैसे तरबूज हो गया, खरबूज हो गया, नारियल पानी हो गया इनको लेते रहना है और साथ-साथ बस्ती कुंजल करते रहना है अंदर से गंदगी को निकालते रहना है, तो क्या होगा तीन दिन में आपकी कब्ज टूट जाएगी, जो भयंकर सालों से बनी हुई थी वो Constipation टूटेगी.

अभी कुछ दिन पहले एक लड़का बॉडी detoxify करने के लिए एक नेचुरोपैथी सेंटर में रह कर गया उसको रूमेटाइड अर्थराइटिस था और पांच-छह दिन बाद उसके पेट में से दवाइयों की स्मेल आ रही है जब मोशन जा रही है, ऊपर से वोमिट कर रहा है, दवाईयोंकी स्मेल आ रही है ये इतना 
मल जमा  रहता है. जब नेचुरोपैथी सेंटर में १०-१० दिन की फास्टिंग (उपवास) करवाते हैं तो इतना कचरा निकलता है लोग देख के हैरान हो जाते हैं कि 10 दिन से मैंने कुछ खाया नहीं है लेकिन अंदर इतना मल जम रहा था, यह समझ ही नहीं होता हमें कि इंटेस्टाइन में इतना मल भरा पड़ा है. आप अपने बॉडी स्ट्रक्चर को देख कर के समझ जाओ जिसका पेट थोड़ा सा भी बाहर निकल रहा है उसके पेट में आंतो में जमा हुआ मल पड़ा हुआ है, डेफिनेटली उसका मल जमा हुआ है. लोग आजकल ये एक्सरसाइज वो एक्सरसाइज कर लो आप पतले हो जाओगे आपका बेली फैट खत्म हो जाएगा, आप यह चार ड्रिंक पी लो ड्रिंक पी कर के आपका बॉडी डिटॉक्स हो जाएगा आप पतले हो जाओगे यह सारी भ्रामक दावे हैं झूठ है पूरे टोटली भ्रामक विज्ञापन है. यह मल निकलता तभी है जब हम कॉलन हाइड्रोथेरेपी करते हैं या एनीमा करते हैं और ऊपर से फाइब्रस फ़ूड खाते है. इतना फाइबर खा जाओ = बेल का जूस आप सुबह भी पी लो, दोपहर में भी पी लो, शाम को भी पी लो आपका सारा जमा हुआ कचरा बाहर निकाल देगा. नाशपाती बारिश के मौसम में बहुत अच्छी है पेट साफ करने के लिए. आपने कोई दवाई नहीं खानी क्या करना है दो गिलास जूस सुबह पी लो, दो गिलास शाम को पी लो ऐसा हो जाएगा पेट साफ आपका जैसे कोई आपने कायम चूर्ण खा कर के या कोई वो जमाल गोटा होता है उसे खा कर के दस्त लगा लिए हो, इतनी जबरदस्त पेट की सफाई हो जाएगी ये उन लोगों के लिए है जो पेट गड़बड़ से जूझ रहे हैं जिनको Constipation, गैस, एसिडिटी कुछ ना कुछ ब्लोटिंग होता ही रहता है. गैस्ट्रिक के लिए जो लोग सुबह खाली पेट दवाइयां खा रहे हैं, एसिडिटी के लिए दवाइयां खा रहे हैं भाई बिल्कुल छोड़ दो फर्स्ट डे से ही छोड़ दो. आपने बेल का जूस पीना शुरू कर देना है, पेठे का जूस पीना शुरू कर देना है, घिया का जूस पीना शुरू कर देना है, साथ-साथ एनीमा ये सारे प्रयास शुरू कर दो आपका Constipation बिल्कुल ठीक हो जाएगा पेट एकदम अंदर चिपक जाएगा. पेट को आप हाथ लगाओगे पकड़ में आ जाएगा, पेट जब भी हाथ से टच करो तो ऐसा लगना चाहिए जैसे रुमाल हाथ में आ गया हो. कई लोगों का पेट इतना बड़ा आगे होता है उसमें जब हाथ टच करो तो हाथ अंदर घुसता ही नहीं है ऐसा लगता है पत्थर खाए हुए हैं. पेट में हाथ लगाते ही पेट एकदम से नरम होना चाहिए, पैर गर्म, पेट नरम और सिर ठंडा होना चाहिए. जब आपका पेट नरम हो गया आपको Constipation नहीं है आप समझ जाओ, कई पतले पेट वालों को भी मैंने पेट में हाथ लगा के देखा तो पेट एकदम से टाइट हो रहा है ऐसा लग रहा है पेट के अंदर कितना मल जमा हुआ है. यह आप खुद पता चला सकते हो आपका पेट एकदम से नरम है सॉफ्ट है मूवमेंट हो रही है पेट के अंदर बाहर हिल रहा है समझ जाओ Constipation नहीं है.

सुबह शाम आपका पेट साफ हो रहा है, शरीर में हल्का पन है कहीं कोई जोड़ों में दर्द नहीं है सुबह उठकर के आपकी नींद जब खुलती है तो शरीर में कहीं दर्द नहीं होता, आपका काम करने का मन करता है, चक्कर नहीं आता, आपको कमजोरी फील नहीं होती समझ जाओ आपको Constipation नहीं है. जिनको Constipation रहेगा उनको वीकनेस फील रहेगी उनका काम करने का मन नहीं करेगा, उनको किसी से बात करने का मन नहीं करेगा, उनको चिड़चिड़ापन बढ़ेगा Constipation से और तो और यह जो मेमोरी लॉस होती है यह जो मानसिक रोग है इनके पीछे भी कारण कब्ज (
Constipation) ही होता है, जैसे ही कब्ज खत्म होता है मेमोरी शार्प होने लग जाती है, आपका मन लगने लग जाता है, डिप्रेशन खत्म हो जाता है ये इतनी बड़ी बातें हैं कि हम समझ ही नहीं पा रहे कि हमें मानसिक रोग नहीं है. बहुत सारे लोग बोलते हैं की न्यूरो वाले डॉक्टर को दिखाया तीन साल ट्रीटमेंट चला, सुलाने वाली दवाइयों के सिवा उनके पास कुछ भी नहीं है जैसे ही पेट साफ होता है पैरों से चलना शुरू, मानसिक रोग ठीक, भूलने की आदत, गुस्सा खत्म हो जाता है, चिड़चिड़ापन बंद हो जाता है एक पेट साफ होते ही. और पेट साफ करने के तरीके जो बताये नेचुरल तरीकों से करो कोई आर्टिफिशियल चीज आपको नहीं खानी है. जो सेफ चीजें हैं त्रिफला है इसको भी रेगुलर यूज में नहीं लेकर के आना है, त्रिफला खानेसे बॉडी में खुश्की आती चली जाएगी अगर रेगुलर आपने तीन-चार महीने के बाद भी इसको कंटिन्यू रखा तो. क्योंकि बॉडी से पानी को सक कर लेता है यह और जब बॉडी के अंदर पानी की कमी हो जाती है तो परमानेंट Constipation हो जाता है, इवन नेचुरोपैथी में गर्म पानी के लिए भी मना करते हैं ज्यादा गर्मी के मौसम में. ज्यादा गर्मी है तो आप नॉर्मल घड़े का पानी पियो गर्मियोंमें गर्म पानी पीने से परमानेंट Constipation होता है, गर्मियोंमें गर्म पानी पीने से आपको पेट के अंदर खुश्की पैदा होती है ड्राइनेस बॉडी के अंदर आ जाती है.

ताजा पानी पीना है जो आ रहा है हमारे जमीन से निकल कर के. आजकल यह बहुत ज्यादा चल रहा है अल्कलाइन वाटर बनाने का, अल्कलाइन वाटर कौन सा पता है आपको जो जमीन से पानी आ रहा है उसके अंदर मिट्टी आ रही है निकल के और वह मिट्टी को हम नीचे छोड़ कर के ऊपर से पानी जो पी लेते हैं. अल्कलाइन वाटर बना बनाया भगवान ने दे रखा है उसमें मिट्टी के तत्व आ रहे हैं वह सबसे बड़ी चीज है जो पानी मिट्टी के अंदर से निकल करके आ रहा है वो अल्कलाइन वाटर है हमें उसमें कोई खीरा ककड़ी डालने की जरूरत नहीं है. खीरा ककड़ी को आप नेचुरल सलाद के रूप में खा लें, सुबह जूस बना कर के उसका पी लें और पानी आपने मिट्टी वाला पीना है. 
अब उसको फिल्टर कर दिया उसकी मिट्टी विट्टी सब कुछ निकाल दिया उसके जो पोषक तत्व थे उसको भी निकाल दिया अब हम कह रहे हैं ये पानी हमारे लिए अच्छा है. आजकल बहुत तरह के प्यूरीफायर घर में लोग लगा रहे हैं लाख-लाख दो-दो तीन-तीन लाख के प्यूरीफायर लग रहे हैं ये सब फेक चीजें हैं. आप अपनी जमीन का पानी ले कहीं पे ऐसी जगह है जहां पोल्यूटेड है जहां पे बहुत ज्यादा पोल्यूशन है वहां पे पानी साफ नहीं है या गंदा पानी है उसका टेस्ट ठीक नहीं है तो उसको आप बॉयल कर लें बॉयल करके घड़े के अंदर डाल लें, घड़े के जो पानी के गुण हैं वह उसके अंदर आएंगे.  उसके अंदर तांबे का लोटा डाल दें, तुलसी के पत्ते डाल दें, गोमूत्र डाल दें बन गया अल्कलाइन वाटर. बहुत ज्यादा नेचुरोपैथी सस्ती है सरल है सहज है सुगम है इसमें बिल्कुल भी किसी तरह की बखेड़ी बाजी नहीं है जिसे हम कहे बहुत सारी चीजों की हमें जरूरत पड़ती है, यह बिल्कुल सिंपल रहना आपको सिखाती है कि कैसे घर में रह कर के सिंपल तरीके से.

किसी जीव जंतु जानवर को Constipation (कब्ज) नहीं है बंदर को, बिल्ली को, कुत्ते को किसी को कब्ज नहीं है क्यों नहीं है क्योंकि यह एज इट इज खाते हैं. आप खाना बनाते नहीं हो खाना बिगाड़े ते हो, सलाद बनाते नहीं हो सलाद बिगाड़े हो, सलाद में उसमें नमक डाल देते हो ऊपर से, इसी तरह से सब्जियों को छौंक देते हो, घिया के कोफ्ते बना देते हो, पालक के पकोड़े बना देते हो, खाना बना नहीं रहे खाना बिगाड़ रहे हो. तो जब हम ये बिगाड़ना बंद कर देंगे हमारा Constipation ठीक हो जाएगा. सबसे पहला काम यही करना है हमने खाने को बिगाड़ना बंद करना है जो चीज जैसी प्रकृति माता ने बनाई है उसको ऐसे इट इज कंज्यूम करना है. केला है, सेब है, संतरा है, आलू बुखारा है, तरबूजा है, खरबूज है, फूट कचरी उसको बीजों के साथ खा जाओ उसको पेट का झाड़ू बोलते है. खरबूजा, तरबूज, कचरी इनसे बहुत अच्छा पेट साफ होता है ऐसी चीजों को डेली रूटीन में शामिल करना है ऐसा नहीं एक दिन खा लिया नेक्स्ट डे फिर वही अपना रोटी सब्जी खाने पे आ गए. खाने से पहले एक बड़ी प्लेट भर कर के कचरी, खरबूजा, बेल का जूस है, पेठे का जूस है ये आपको खाना ही खाना है. इतनी क्वांटिटी में फाइबर खाओ कि आपका Constipation परमानेंट सॉल्व हो जाए. और सारे रोगों की जड़ Constipation ही है इस बात को भी आप समझ ले कि पेट साफ सब दोष माफ.

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। यह किसी भी प्रकार की दवा या चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें.

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